मोहाड़ी. गांव की जलापूर्ति योजना के बिजली बिल का भुगतान नहीं किए जाने पर बिजली विभाग कंपनी द्वारा बिजली काट दी गयी. अब बारिश के मौसम में भी ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकने का समय आ गया है.
बारिश में पानी के लिए भटक रहे लोग
जम्भोरा की ग्राम पंचायत गर्मी के दिनों में भी नियमित रूप से गांव में पेयजल की आपूर्ति करती है. हालांकि ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा उचित योजना के अभाव में जलापूर्ति योजना के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया. इसके बाद बिजली विभाग जलापूर्ति की बिजली काट दी. ग्राम पंचायत प्रशासन पांच दिन बाद भी बिजली बिल का भुगतान करने में निष्क्रिय है. ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. कोरोना के मामले बढ़ते ही प्रशासन ने तालाबंदी कर दी. परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत प्रशासन गांव से कर की आवश्यक राशि वसूल नहीं कर सका. ग्राम पंचायत प्रशासन का खजाना खाली हो गया है. जलापूर्ति का बिल 1 लाख 25 हजार रु. बकाया है. धन की कमी के कारण ग्राम पंचायत प्रशासन के सामने बिल का भुगतान कैसे किया जाए, इसका सवाल उठा है.
15वें वित्त आयोग के फंड को इस्तेमाल करने की अनुमति दें : उपसरपंच
कोरोना की वजह से तालाबंदी के कारण ग्रामीणों से आवश्यक कर की राशि एकत्र नहीं की है. साथ ही बिजली वितरण कंपनी के बिल का भुगतान कैसे करें क्योंकि प्रशासन ने 15 वें वित्त आयोग के पैसे का उपयोग करने से इनकार कर दिया है? ऐसा ही एक सवाल ग्राम पंचायत प्रशासन के सामने आया है. जंभोरा के उपसरपंच यादोराव मुंगमोड़े ने मांग की है कि सरकार 15 वें वित्त आयोग के फंड से बिजली बिलों का भुगतान करने की अनुमति दे.