Bhandara ZP

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    भंडारा. भंडारा जिला परिषद की 23 नवंबर की आमसभा ग्राम पंचायत के चुनावी आचार संहिता की वजह से फिकी रह गई. इस आमसभा में अनेक जिला परिषद सदस्य,खासतौर से विरोधी सदस्य जो कि अनेक विषयों को लेकर जिला परिषद के पदाधिकारी और अधिकारियों को कटघरे में खडा करना चाहते थे, वे अपनी भडास नहीं  निकाल पाए. उनके अपने अनेक विषय थे. लेकिन वे कुछ बोल नहीं पाए. क्योंकि बमुश्किल एक घंटे तक ही यह आमसभा चल पाई. जल्दबाजी में अनेक विषयों को मंजूर कर लिया गया. बताया जा रहा है आदर्श आचार संहिता के लागू रहते आमसभा के औचित्य पर सवाल उठाए जा रहे है.आमसभा में चर्चा करते हुए अनेक विषयों को मंजूर भी कर लिया गया है. 

    डस्टबीन खरीद का मुददा रहा छाया

    भंडारा पंचायत समिति के तहत डस्टबीन खरीदी का मामला इस आमसभा में भी छाया रहा. जिला परिषद सदस्य यशवंत सोनकुसरे ने  24 अगस्त की आमसभा में इस मुददे को उठाया था. उनका आरोप था कि डस्टबीन खरीदी में घोटाला हुआ है.डेढ हजार रुपए का डस्टबीन 7 हजार रुपए में खरीदा गया है.इस मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. इस कमंटी की रिपोर्ट इसी आमसभा में प्रस्तुत की जानी थी. इसी मुददे को सोनकुसरे ने फिर बेबाकी के साथ उठाने की कोशिश की.जिसकी वजह से आमसभा में कुछ गर्माहटभरा माहौल निर्माण हो गया.

    15 वे वित्त आयोग का महत्वपूर्ण था विषय

    जिले की आधे से अधिक ग्राम पंचायत के चुनाव अगले महिने होने जा रहे है. इसके लिए आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है. आचार संहिता लागू रहने की वजह से आमसभा नहीं ली जानी चाहिए थी. लेकिन कुछ महत्वपूर्ण विषय रहने की वजह से आमसभा ली गई. जल्दबाजी में विषयों को मंजूर किया गया और आमसभा समाप्त कर ली गई.आमसभा में पंद्रहते वित्त आयोग की राशि का एक महत्वपूर्ण विषय भी था.

    शिक्षकों की पेंशन का मुददा

    जिला परिषद सदस्य विनोद बांते ने बताया कि उन्होंने बिना अनुदानित स्कूल के शिक्षकों को पेंशन देने का मुददा उठाया था. इस मामले के लिए जिम्मेदार सेवानिवृत्त शिक्षाधिकारी के पेंशन से उन दोनों शिक्षकों को दी गई पेंशन राशि वसूल करने की मांग की है. आमसभा में इस बारे में पेंशन राशि वसूल करने के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.