मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मंत्री आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने मंगलवार को दावा किया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार (MVA Government) ने आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को फरार होने में मदद की होगी और हो सकता है कि वह ‘‘उनके लिए किसी पश्चिमी देश में राजनीतिक शरण हासिल करने की जमीन तैयार कर रही हो।”
मुंबई से भाजपा विधायक शेलार ने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी दावा किया कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की एमवीए सरकार देश में मादक पदार्थ की समस्या से निपटने के लिए केंद्र के कड़े कदमों में बाधा डाल रही है। हाल में मुंबई और पड़ोसी ठाणे में वसूली के अलग-अलग मामलों में परमबीर सिंह के खिलाफ दो गैर जमानती वारंट जारी किए गए। सिंह को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर विस्फोटक रखी एक एसयूवी कार मिलने के बाद मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से मार्च में हटा दिया गया था और मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया।
सिंह ने बाद में महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। हाल में महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि उसे नहीं मालूम कि सिंह कहां है। शेलार ने कहा, ‘‘जिस तरीके से परमबीर सिंह के खिलाफ मामले दर्ज किए गए, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि यह आईपीएस अधिकारी के किसी खास पश्चिमी देश में राजनीतिक शरण हासिल करने के लिए जमीन तैयार करने की रणनीति है। अगर आप सरकार के खिलाफ बोलते हैं तो आपको ऐसी शरण के पात्र होते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी सरकार सिंह के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराकर किसी पश्चिमी देश में उनको राजनीतिक शरण लेने में मदद कर सकती है।” उन्होंने दावा किया कि इसके पीछे योजना यह होगी कि सिंह राजनीतिक शरण हासिल करने के लिए इन शिकायतों का हवाला देते हुए यह दावा करें कि उनका जीवन खतरे में है क्योंकि उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ बोला है। शेलार ने आरोप लगाया, ‘‘एमवीए सरकार ने सिंह को लापता होने में मदद की होगी क्योंकि अगर वह पकड़े जाते हैं तो वह सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के लिए किए गए कुछ कामों का खुलासा कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि असली सवाल यह है कि चूंकि परमबीर सिंह के आधार कार्ड समेत सभी दस्तावेज मुंबई में पंजीकृत हैं तो वह एमवीए सरकार की नाक के नीचे से कैसे गायब हो गए? भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि एमवीए सरकार देश में मादक पदार्थ की समस्या से निपटने के लिए केंद्र के कड़े कदमों में बाधा डाल रही है। ये टिप्पणियां तब आयी है जब महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने मादक पदार्थ की कथित तस्करी करने वाले नेता के साथ पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की तस्वीर ट्वीट करके राज्य में विपक्षी दल भाजपा के साथ मादक पदार्थ के कथित तस्कर की सांठगांठ होने का दावा किया है।
मलिक स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई मंडल के निदेशक समीर वानखेड़े को लगातार निशाना बना रहे हैं। वानखेड़े ने पिछले महीने एक क्रूज जहाज पर छापा मारकर नशीले पदार्थ बरामद किए थे और इस मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था। शेलार ने कहा, ‘‘उन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं जो देश के खिलाफ हैं और मादक पदार्थ की तस्करी कर रहे हैं। हालांकि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की केंद्र सरकार की कोशिशों का ये लोग विरोध कर रहे हैं। क्या राज्य के मंत्री नवाब मलिक ऐसे लोगों के पैरोकार हैं?”
भाजपा नेता दावा किया कि मलिक ‘‘हताश” हैं क्योंकि उनके दामाद एक कथित मादक पदार्थ गिरोह में शामिल पाए गए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ख़याली मलिक बुलाया जाना चाहिए न कि नवाब मलिक।” शेलार ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि ‘इन लोगों’ ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी कानून में नए संशोधनों का भी विरोध किया।
क्रूज जहाज मामले में शामिल कुछ अन्य संदिग्धों के खिलाफ एनसीबी के कार्रवाई न करने के बारे में पूछे जाने पर शेलार ने कहा, ‘‘राजस्व खुफिया निदेशालय महाराष्ट्र सरकार के मादक पदार्थ रोधी विभाग की तरह चुप नहीं बैठा। डीआरआई ने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।” विधायक ने यह भी कहा कि वह या भाजपा यहां वानखेड़े को ‘‘चरित्र प्रमाणपत्र” जारी करने नहीं बैठे हैं।