- मुंबई में अब समुद्र और नदियों के किनारे छठ पूजा करने पर रोक
मुंबई. बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने शहर के प्राकृतिक जलाशयों किनारे बड़े पैमाने पर छठ (Chhath) पूजा करने पर रोक लगाने संबंधी आदेश बीते मंगलवार को जारी किये। निकाय संस्था ने इसके साथ ही श्रद्धालुओं से भीड़भाड़ से बचने का आह्वान भी किया।बता दें कि छठ पूजा के मौके पर हर साल लाखों लोग मुंबई के जुहू बीच पर इकट्ठा होते हैं। कोरोना के मद्देनजर इस बार रोक लगाई गई है।
क्या हैं BMC के दिशा निर्देश:
BMC ने इसे लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत अब मुंबई में समंदर और तालाब के किनारे छठ पूजा पर रोक लगा दी है। BMC का कहना है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते ये फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि मुंबई व इससे सटे ठाणे, कल्याण, नवी मुंबई, सहित पालघर जिले के अलावा पुणे, नासिक जैसे राज्य के अन्य शहरों में रहने वाला उत्तर भारतीय समाज दिवाली के बाद छठ पूजा करता है। ऐसे में मुंबई में समंदर किनारे छठ पूजा करने पर रोक लगने से अब वहां रहने वाले उत्तर भारतीयों को काफी निराशा होगी।
आइये देखते हैं क्या हैं BMC के दिशा निर्देश:
- विभागीय स्तर पर संस्थाओं की तरफ से अनुमति मांगने पर कृत्रिम तालाब बनाने की होगी अनुमति.
- पूजा स्थल पर होगी मेडिकल टीम की तैनाती.
- जरूरत पड़ने पर एंटीजन अथवा आरटी-पीसीआर टेस्ट भी होंगे.
- पुलिस को साफ़ निर्देश, सार्वजनिक जगहों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोकें.
शुक्रवार और शनिवार को छठ पर्व:
सूर्य देवता को समर्पित छठ पर्व शुक्रवार और शनिवार को मनाया जाएगा। बीएमसी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बड़े पैमाने पर छठ पूजा आयोजित करने पर रोक लगाई गई है क्योंकि समुद्र तट और नदी किनारे बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर कोविड-19 महामारी से बचने के लिए जरूरी सामाजिक दूरी का पालन कराने में कठिनाई होगी।
क्या है छठ पूजा का कार्यक्रम:
- 18 नवंबर 2020, बुधवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)
- 19 नवंबर 2020, गुरुवार- पंचमी (खरना)
- 20 नवंबर 2020, शुक्रवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
- 21 नवंबर 2020, शनिवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ्य)