Bombay High Court
Bombay High Court

    Loading

    मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की सेहत को देखते हुए प्रथमदृष्टया उसकी राय है कि भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग मामले में दाखिल उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। 

    देशमुख (74 वर्षीय) ने पिछले महीने विशेष सीबीआई अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चिकित्सा और अर्हता के आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया है।  देशमुख की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उनके वकील विक्रम चौधरी ने न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ से कहा कि पूर्व मंत्री का इलाज जारी है, लेकिन वह कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और उन्हें नियमित इलाज और देखरेख की जरूरत है। 

    चौधरी ने कहा, ‘‘ उन्हें रिहा करने की जरूरत है। वह गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज हैं।”  सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उनका जेल में भी जरूरत पड़ने पर उचित इलाज किया जा रहा है।  सिंह ने कहा, ‘‘उनकी मौजूदा चिकित्सा स्थिति का आकलन करने की जरूरत है। चिकित्सा स्थिति स्थिर नहीं है…वह लगातार बदल रही है।”

    न्यायमूर्ति कार्णिक ने मामले की संक्षिप्त सुनवाई करने के बाद कहा कि अदालत जमानत अर्जी पर गुणवत्ता के आधार पर सुनवाई करेगी।  न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा, ‘‘ मैं संतुष्ट हूं कि हम इस मामले की सुनवाई गुणवत्ता के आधार पर कर सकते हैं और प्राथमिकता दे सकते हैं। प्रथम दृष्टया मेरा विचार है कि प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एक बीमारी (देशमुख जिससे पीड़ित हैं) सेहत गिराने वाली है।” अदालत ने कहा कि वह देशमुख की जमानत अर्जी पर छह दिसंबर को सुनवाई करेगी। 

    गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पिछले साल नवंबर से ही कारागार में हैं। इस साल अप्रैल में उन्हें सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था।  इस समय वह मुंबई के आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले महीने देशमुख को ईडी के मामले में जमानत दी थी। हालांकि, निचली अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में पिछले महीने उनकी जमानत अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ सबूत हैं। (एजेंसी)