मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने उद्योगपति विजयपत सिंघानिया (Industrialist Vijaypat Singhania) की जीवनी ‘ऐन इनकंप्लीट लाइफ’ (An Incomplete Life) की बिक्री, प्रसार और वितरण पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। इस पुस्तक के बाजार में आने को लेकर रेमंड समूह (Raymond Group) के पूर्व प्रमुख 83 वर्षीय सिंघानिया की उनके पुत्र गौतम सिंघानिया एवं रेमंड कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई चल रही है।
सिंघानिया और गौतम अलग रहते हैं तथा दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं। साल 2019 में रेमंड लिमिटेड और इसके प्रमुख गौतम सिंघानिया ने ठाणे जिले की सत्र अदालत और मुंबई की एक दीवानी अदालत में मुकदमा दायर कर आग्रह किया था कि इस पुस्तक में किए गए दावे अपमानजनक हैं। बाद में ठाणे की अदालत ने इस पुस्तक के बाजार में आने पर रोक लगा दी। कंपनी ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय का रुख कर दावा किया कि विजयपत सिंघानिया ने गत रविवार को इस पुस्तक को ‘चुपके से’ पाठकों के लिए उपलब्ध करा दिया।
न्यायामूर्ति एसपी तावड़े की अवकाश पीठ ने रेमंड की याचिका पर सुनवाई की और इस पुस्तक की बिक्री, प्रसार एवं वितरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। कंपनी ने मांग की थी कि इस पुस्तक के प्रकाशक ‘मैकमिलन पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड’ को आगे इस पुस्तक का वितरण, बिक्री और प्रसार नहीं करने का निर्देश दिया जाए जाए। (एजेंसी)