
नागपुर. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर बेंच (Nagpur Bench) ने मंगलवार को गैंगस्टर अरुण गवली (Arun Gawli) को घरवालों से मिलने के लिए 28 दिन का फरलो दे दी है। अरुण गवली ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि फरलो देने का उसका आवेदन डीआइजी जेल द्वारा खारिज कर दिया गया था।
बात दें कि अरुण गवली को शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के आरोप में मकोका अदालत ने 2012 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गवली नागपुर के जेल में सजा काट रहा है।
Maharashtra | The Nagpur bench of Bombay High Court today granted 28 days furlough to gangster Arun Gawli, who is lodged in Nagpur prison। Arun Gawli had approached the High Court as his application for grant of furlough was rejected by DIG Prisons।
— ANI (@ANI) September 26, 2023
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. मीर नागमन अली ने कहा कि पुलिस की प्रतिकुल रिपोर्ट के बावजूद याचिकाकर्ता को 10 बार फरलो का अवकाश प्रदान किया जा चूका है। सुनवाई के बाद न्यायाधीश नितिन सांबरे और न्यायाधीश वालमिकी मेनेजेस ने याचिकाकर्ता को 28 दिन का फरलो प्रदान करने के आदेश जारी किए। सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एन.आर. त्रिपाठी ने पैरवी की।
विरोध में है पुलिस रिपोर्ट
राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रही वकील द्वारा बताया गया कि याचिकाकर्ता को फरलो का अवकाश देने से पहले प्रशासन की ओर से वहां की स्थानिय पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें पुलिस ने कानून और व्यवस्था बिगडने तथा गवाहों पर इसका विपरित असर पड़ने की आशंका जताई गई थी। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर फरलो देने से इंकार किया गया। याचिकाकर्ता गैंग का मुखिया है।
पेरोल पर जाने के बाद किसी घटना को अंजाम देने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से बताया गया कि मुंबई में निकट भविष्य में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में स्थानिय पुलिस ने विरोध में रिपोर्ट प्रस्तुत की है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि। अली ने कहा कि इसके पूर्व भी याचिककर्ता को छुट्टी दी गई थी। किंतु उस समय भी कानून व्यवस्था नहीं बिगडी है। यहां तक कि याचिकाकर्ता ने हर बार समय पर वापसी की है। सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए।