मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के पास विफोटक (Antilia Bomb Scare Case) मिलने के मामले में नरेश गौर (Naresh Gaur) की ज़मानत (Bail) रद्द करने को लेकर कोर्ट (Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। एएनआई के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनआईए की उस एप्लिकेशन को ख़ारिज कर दिया है जिसमें नरेश की बेल रद्द करने की अपील की गई थी। इससे पहले एनआईए की विशेष अदलात ने नरेश को बेल दे दी थी।
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास एसयूवी कार में से विस्फोटक (Explosive) मिलने और कारोबारी मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की हत्या की के मामले में नरेश को एनआईए ने गिरफ्तार था। नरेश गौर को मामले में आरोपी नंबर 2 के रूप में गिरफ्तार किया गया था। उस पर सिम कार्ड की आपूर्ति करने और साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। आरोपी क्रिकेट बुकी नरेश गौर को विशेष एनआईए अदालत ने जमानत दे दी थी।
Antilia bomb scare case | Bombay High Court dismisses an appeal filed by NIA for cancellation of bail granted to accused cricket bookie Naresh Gaur
— ANI (@ANI) December 21, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले की जांच के दौरान एनआईए के हाथ कुछ दस्तावेज लगे थे जिसमें नरेश की तरफ शक की सुईं गई थी। इसके बाद आगे की जांच के दौरान एजेंसी ने उसे अरेस्ट कर लिया था। इस केस में मुंबई पुलिस के अब बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान एनआईए एक क्लब में छानबीन की थी। एनआईए को पता चला था कि, क्लब में वाजे काफी जाता था और वहां उसने नरेश गौर और सह आरोपी विनायक शिंदे की नौकरी भी लगवाई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच के दौरान एनआईए ने एक सिम कार्ड से संबंधित दस्तावेज बरामद किए थे। तब यह बात सामने आई थी कि, यह गौर के जरिए वाजे के निजी इस्तेमाल के वास्ते ली गई थी। आरोप है कि, गौर ने गुजरात के अहमदाबाद से कुछ सिम कार्ड लिए थे और शिंदे के जरिए उन्हें वाजे को दे दिया था।एक सिम कार्ड का इस्तेमाल वाजे ने हिरन को फोन करने के लिए किया था, जो उनकी मौत से पहले उन्हें आखिरी कॉल थी। हिरन का शव ठाणे जिले के मुंब्रा में पांच मार्च को मिला था। वह उस एसयूवी के कथित तौर पर मालिक थे, जो अंबानी के घर के बाहर मिली थी, जिसमें विस्फोटक रखे थे।