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    • विधायक एड. आकाश फुंडकर का आरोप

    खामगांव. भारी बारिश और तूफान से प्रभावित लोगों को थोड़ी सी मदद देकर किसानों के जख्मों पर नमक मलने का काम कर महाविकास आघाड़ी सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है. फसल बीमा कंपनी को लाभ होगा ऐसी शर्ते बनाकर किसानों को नुकसान भरपाई मिलने से वंचित रखा गया है. महाविकास अघाड़ी सरकार ने प्राकृतिक आपदा से संकट में फंसे किसानों की मदद करने की बजाय राज्य के किसानों को संकट में डाल दिया है. यह आरोप भाजपा जिलाध्यक्ष, विधायक एड.आकाश फुंडकर ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा किया है.  

    इस अवसर पर विधायक एड. फुंडकर ने आघाड़ी सरकार के किसान विरोधी भूमिका का पंचनामा प्रस्तुत किया. सत्ता में आने के पहले किसानों के खेत पर जाकर हेक्टेयर 25,000, हेक्टेयह 50,000 मदद दें, ऐसी मांग करने वाले उद्धव ठाकरे, अजीत पवार ने विगत दो साल में राज्य के अतिवृष्टि, बाढ़ तथा चक्रावात के कारण नुकसान हुए किसानों को बहुत कम मदद देकर किसानों का मजाक उड़ाया. अतिवृष्टि के कारण नुकसान हुए किसानों को आघाड़ी सरकार ने 10 हजार करोड़ रू. मदद का पैकेज घोषित किया.

    उस के पहले जुलाई में बाढ़ तथा बारिश के कारण नुकसान हुए किसानों को 11 हजार 500 करोड़ रू. का पैकेज घोषित किए थे. इस मदद के 7 हजार करोड़ दीर्घकालिन उपाययोजना के लिए तथा 3 हजार करोड़ पुनर्वसन के लिए हैं. इसका अर्थ बाढ़ग्रस्त, अतिवृष्टिग्रस्त के लिए सिर्फ 1,500 करोड़ रू. की मदद की गई. पूरे मराठवाड़ा, विदर्भ तथा पश्चिम महाराष्ट्र के कुछ परिसर में अतिवृष्टि के कारण 50 लाख हेक्टेयर पर की फसल जमीनदोस्त हुई. उसी तरह हजारों हेक्टेयर जमीन बहकर चली गई, मवेशी बहकर गए, मकानों का नुकसान हुआ, लेकिन सरकार ने किसानों को इस नुकसान की भरपाई नहीं दी.

    किसानों को मदद देने का वक्त आया तो केंद्र सरकार की ओर उंगली बिताते अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेरते हैं. उत्तर प्रदेश के किसानो के लिए महाराष्ट्र में बंद पुकारने वाले शिवसेना, राष्ट्रवादी तथा काँग्रेस नेतृत्व को प्राकृतिक नुकसान का मार सहने वाले राज्य के किसानों की भेंट लेने का समय नहीं मिला. 

    विधायक एड. आकाश फुंडकर ने कहा कि बड़ा गाजाबाजा कर घोषित की किसान कर्जमाफी भी आघाड़ी सरकार को प्रत्यक्ष में लाते नहीं आई. आघाड़ी सरकार ने कर्जमाफी के लिए सिर्फ 150 करोड़ रू. का प्रावधान किया है. महाआघाड़ी सरकार ने फसल बीमा निकालने वाले कंपनी को लाभ की शर्त तैयार करने से राज्य के 30 लाख से अधिक किसानों ने इस साल फसल बीमा निकाला नहीं. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार सत्ता में होते समय 85 लाख किसानों को फसल बीमा भरपाई मिली थी.

    फसल बीमा कंपनी को 1 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. इस सरकार ने फसल बीमा कंपनी से तीन साल के लिए करार करने से किसानों का नुकसान हुआ. 15 लाख किसानों को 975 करोड़ रू. की भरपाई बीमा कंपनी से मिली. लेकिन बीमा कंपनी को विगत साल 4 हजार करोड़ से अधिक लाभ मिला. लाकडाउन व कोरोना संकट के कारण दिक्कत में आए किसान महाविकास आघाड़ी सरकार की मनमानी से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं.