मानोरा. सुख और दुख में बांके बिहारीजी का स्मरण होना चाहिए, लेकिन मानव दुख में ही भगवान को याद करता है और सुख में भूल जाता है. यहीं से सांसारिक परेशानियां शुरू हो जाती है. सुख दुख में श्रीहरि की शरण से संसार के दुख सुख में बदल जाते हैं. यह बात मानोरा तहसील के ग्राम वीठोली के किसान कृषि बाजार समिति में चल रही भागवत कथा में शांतिदूत देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कही.
उन्होंने कहा कि पांडवों की माता कुंती भगवान श्रीकृष्ण से कहती है कि जब दुख आता हैं तो भगवान आपको अपने साथ पाया है और सुख आते ही आपकी कृपा भी चलीं जाती हैं, इसलिए हमें सुख नहीं दुख ही चाहिए, जिससे आपकी भक्ति का प्रसाद हमें मिलता रहे. प्रभु के सौंदर्य का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान का सुंदर रूप है, बांके बिहारीजी की लीलाएं भक्तों को आकर्षित करती है, लेकिन हर कोई इन लीलाओं को समझ नहीं पाता.
उन्होंने कहा कि लक्ष्मी के कारण कई बार हम अपनों से दूर हो जाते हैं, लेकिन लक्ष्मी चंचल है, ठहरती नहीं है, जिस कारण परिस्थितियां बदल जाती है. तत्पश्चात छप्पन भोग का भगवानजी को भोग लगाकर भगवत कथा को विराम दिया गया.