Maharashtra and Karnataka border dispute buldhana-madhya-pradesh-decision-of-4-villages-in-buldhana-to-move-to-madhya-pradesh

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    मुंबई: महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद (Maharashtra-Karnataka Border Dispute) को लेकर पिछले कुछ दिनों से हंगामा चल रहा है। बेलगाम समेत 940 गांवों का मुद्दा दोनों राज्यों के बीच हमेशा विवाद का कारण रहा है। इस बीच एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। पहली बार यह मुद्दा चर्चा में आया कि जब महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों को कर्नाटक में शामिल होने का फैसला किया। इसके बाद सोलापुर जिले के कुछ गांवों ने कर्नाटक में जाने का विरोध किया। अब बुलढाणा (Buldhana) जिले के कुछ गांवों का मामला सामने आया है। 

    मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सीमा पर बुलढाणा के 4 गांवों के नागरिकों ने बुनियादी सुविधाएं न मिलने के कारण मध्य प्रदेश जाने का फैसला किया है। गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने गुस्से में आकर यह फैसला लिया है और बताया जा रहा है कि इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारियों को भी बयान दिया जा चुका है। इस बीच, इससे पहले तेलंगाना की सीमा से लगे महाराष्ट्र के ग्रामीणों ने भी ऐसी ही मांग की थी। इसको लेकर राज्य सरकार की निंदा भी की गई थी।

    सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों को पानी और बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही थीं, इसलिए कर्नाटक में विलय करने का निर्णय लिया गया। ऐसा ही फैसला अब बुलढाणा जिले के जामोद के ग्रामीणों ने लिया है। बुलढाणा जिले में मध्य प्रदेश की सीमा पर बसे चार गांवों ने जिला प्रशासन द्वारा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही है। इसलिए मध्य प्रदेश में शामिल होने का फैसला किया है। इस संबंध में उन्होंने कल 6 दिसंबर को अनुविभागीय अधिकारियों को बयान दिया था। 

    बुलढाणा (Buldhana) जिले के जळगाव जामोद तालुका में मध्य प्रदेश की सीमा पर भिंगारा 40 टापरी गोमल एक और गोमल दो गाँवों के नागरिकों ने एक बयान के माध्यम से मांग की है, उन्होंने कहा कि, बुलढाणा जिला प्रशासन और जळगाव जामोद तालुका प्रशासन हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं, इसलिए हमें मध्य प्रदेश में शामिल किया जाना चाहिए। 

    इसको लेकर बुलढाणा (Buldhana) जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस बीच जैसे ही मीडिया में इस बात की चर्चा होने लगी, वैसे ही बुलढाणा के जिलाधिकारी ने तुरंत उन गांवों का दौरा किया।