सौभाग्य योजना बेअसरदार

चिखली. तहसील के ग्राम गोद्री में 146 लोगों की धनगर वाड़ी बीते 20 सालों में बेसब्री से बिजली का इंतजार करता हुई आज भी नजर आ रही है. धनगर वाड़ी में पुरूष 52, महिला 64, बच्चें 19, बुजुर्ग 11 हैं. शायद

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चिखली. तहसील के ग्राम गोद्री में 146 लोगों की धनगर वाड़ी बीते 20 सालों में बेसब्री से बिजली का इंतजार करता हुई आज भी नजर आ रही है. धनगर वाड़ी में पुरूष 52, महिला 64, बच्चें 19, बुजुर्ग 11 हैं. शायद स्थानीय नेताओं को इस क्षेत्र में कम वोट दिखाई देने की वजह से बीते 2 दशकों से अभी तक इन परिवारों को नजरअंदाज किया गया है. इससे साफ है कि केंद्र की सौभाग्य योजना बेअसरदार साबित हो रही है.

शिकायत पर ध्यान नहीं
यही हाल सरकारी विभाग का भी है, जिन्हें बार-बार शिकायत देने के बावजूद केवल आश्वासनों की खैरात ही धनगर वाड़ी के लोगों को मिलते आयी है. आलम कुछ ऐसा है कि, आज बच्चों को अंधेरे का साया आने से पहले जितनी हो सके उतनी ही पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ता है. दिन निकलने के बाद वाड़ी से गांव तक जाने के लिए 2200 मीटर का कच्चा रास्ता पार करना पड़ता है, जिसे बारिश में पार करना लगभग असंभव हो जाता है. ऐसे हालातों में मरीज और गर्भवती महिलाओं को आने वाली समस्याओं के बारे में हम सिर्फ सोच ही सकते है. योजना के तहत हर घर को 5 एलईडी बल्ब, एक पंखा और एक बैटरी देने की योजना थी वहां बीते वर्ष में पूरे बस्ती के लिए केवल 4 एलईडी सोलर बल्ब रास्तों पर लगवाने में ही धन्यता मानी जा रही है. बता दें कि, केंद्र सरकार ने दावा किया था कि अब देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है.

कुछ और ही है जमीन हकिकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि देश के हर गांव में बिजली पहुंच चुकी है, मगर जमीनी हकीकत कुछ और बयान करती है. चिखली तहसील के गोद्री ग्रामपंचायत में आने वाले धनगर वाडी बीते 20 सालों से बिजली का इंतजार कर रही है. पीएम मोदी ने जिन दावों के बलबूते पीठ थपथपाई है उन्ही के दावों को स्थानीय प्रशासन पोल खोलती हुई नजर आ रही है. शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, जनता की सुरक्षा और संचार के साधन को और बेहतर बनाना है. विशेष रूप से गरीब लोगों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 25 सितंबर 2017 के दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के हर घर तक बिजली पहुचाने के लिए सहज बिजली हर घर योजना ( सौभाग्य योजना) लांच की थी.

प्रशासन गंभीरता से ले मामला
सरकार के तहत खुद गरीब परिवार के घर पर आकर बिजली कनेक्‍शन देने की पहल करने का दावा करती है. जिस बिजली कनेक्‍शन के लिए गरीब लोगों को मुखिया और सरकारी दफ्तरों में चक्‍कर लगाने पड़ते थे, उन्हें आसानी से बिजली कनेक्‍शन मिलेगा यह कहकर अपनी पीठ थपथपाई है. कही नेता व मंत्री भी ट्वीटर पर बधाई देने में सक्रिय हो जाते है. आखिर हों भी क्यों न? आखिर यह कोई आसान काम तो था नहीं. लेकिन सवाल यह है कि क्या वास्तव में देश में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है? तो इसका जवाब साफ तौर पर नहीं रहेगा.

यह हाल केवल धनगर वाड़ी का ही है ऐसा कहना गलत होगा. सरकार ने जिस साफ उद्देश्य के साथ इस योजना पर काम कर रही है उसे स्थानीय प्रशासन कितनी गंभीरता से ले रहा है यह देखने वाली बात है. इस जानकारी को इकठ्ठा करने के लिए व समस्याओं का निपटारा करने के लिए सरकार व स्थानीय प्रशासन क्या कदम उठाता है यह देखने वाली बात होगी.