चिखली में अधिकारियों को दूध से नहलाया

चिखली. सरकार व्दारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दूध की खरीदी करने से इन्कार करने पर आक्रामक हुए किसानों ने अधिकारियों को ही दूध से नहलाया. इस घटना के कारण दूध संकलन केंद्र पर काफी खलबली मच गई.

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चिखली. सरकार व्दारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दूध की खरीदी करने से इन्कार करने पर आक्रामक हुए किसानों ने अधिकारियों को ही दूध से नहलाया. इस घटना के कारण दूध संकलन केंद्र पर काफी खलबली मच गई. किसानों के आक्रामक रवैये को देखते हुए फिर से दूध संकलन शुरू किया गया.

प्राप्त जानकारी के अ्नुसार चिखली में सरकारी समर्थन मूल्य पर दूध खरीद केंद्र है. इस केंद्र पर तहसील से कई किसान अपना दूध लाकर बेचते है. यहां का दूध पहले भंडारा की सरकारी डेयरी भेजा जाता था, जहां दूध पाउडर बनाया जाता है. लेकिन कुछ दिन पहले यह डेयरी बंद होने के बाद अब यहां संकलित होने वाला दूध वारणा डेयरी को भेजा जाने लगा. चिखली के केंद्र में संकलित होने वाले दूध पर प्रक्रिया कर बाद में वह वारणा डेयरी भेजा जाता था. लेकिन इस दूध में जरुरी फैट न होने के कारण तथा यात्रा के दौरान दूध खराब होने के चलते यहां की दूध खरीदी बंद की गई.

घाटे में चल रहा दूध व्यवसाय
ऐसे में दूध खरीद केंद्र पर पहुंचे दूध उत्पादकों को जब अधिकारियों ने दूध वापस ले जाने को कहा तब दूध उत्पादकों में रोष फैल गया. यहां पर जमा हुए दूध उत्पादकों ने अपने साथ में लाए दूध की कैनों से केंद्र पर उपस्थित अधिकारी और कर्मचारियों को नहलाया. इस अनोखे आंदोलन के चलते केंद्र पर खलबली मच गई. पहले से जिले का दूध व्यवसाय घाटे में चल रहा है, जिससे दूध उत्पादक परेशान है. ऐसे में अब सरकारी दूध संकलन बंद होने के कारण समस्याएं बढेंगी, ऐसी प्रतिक्रिया आंदोलन के बाद दूध उत्पादकों ने व्यक्त की. इस समय डा. सत्येंद्र भुसारी, शंतनु पाटिल, विनायक सरनाईक, शिवशंकर इंगले समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, दूध उत्पादक किसान मौजूद थे.