जीवन में सेवा करनेवाला मनुष्य पवित्र – मोहन भागवत

खामगाव. स्वस्थ्य समाज निर्माण करने के लिये निस्वार्थ भावना से काम करना जरूरी है. ऐसा व्यक्ति ही वंचित व उपेक्षित समाज की उन्नति कर सकता है. संत भय्युजी महाराज ने इस प्रकार से कार्य किया. उनकी प्रेरणा

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खामगाव. स्वस्थ्य समाज निर्माण करने के लिये निस्वार्थ भावना से काम करना जरूरी है. ऐसा व्यक्ति ही वंचित व उपेक्षित समाज की उन्नति कर सकता है. संत भय्युजी महाराज ने इस प्रकार से कार्य किया. उनकी प्रेरणा से पारधी समाज आदिवासी आश्रम शाला का निर्माण हुआ है. यह समाज कार्य इसके आगे भी निरंतर चले इसलिये सभी समाज की ओर से पहल होना चाहिये. क्योंकि जीवन में सेवा करने वाला मनुष्य ही पवित्र होता है. ऐसा प्रतिपादन सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया.

समीप के सजनपुरी स्थित सद्गुरु दत्त धार्मिक व परमार्थिक ट्रस्ट इंदौर की ओर से पारधी व आदिवासी शैक्षणिक संकुल में छात्रों के लिये छात्रावास का निर्माण कार्य किया गया था. जिसका उद्घाटन सरसंघचालक मोहन भागवत के हाथों हुआ.

भागवत ने कहा कि, भय्यूजी महाराज के प्रेरणा से महाराष्ट्र में कई जगह पर परमार्थिक व अध्यात्मिक कार्य शुरु हुआ है. यह प्रकल्प चलाने के लिये उन्होंने अपने जीवन में निस्वार्थ भावना से कार्य किया है. जिसका यहां की आश्रम शाला एक जीता जागता उदाहरण है.

मंच पर अमनोरा फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिरुध्द देशपांडे, ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीप देशमुख, भैय्यजी महाराज की पत्नी डा.आयुषी देशमुख, प्रशांत देशमुख, माधुरी देशमुख, चंद्रशेखर राठी की उपस्थिती थीं. कार्यक्रम का प्रास्ताविक अनिरुध्द देशपांडे, संचालन माधुरी देशमुख, व आभार प्रदर्शन सोमनाथ गोरे ने किया.

फुंडकर परिजनों को दी सांत्वन
सरसंघचालक भागवत ने दिवंगत कृषि मंत्री भाऊसाहब फुंडकर के निवासस्थान जाकर फुंडकर परिजनों को सांत्वन दी. साथ ही फुंडकर की प्रतिमा को माल्यार्पन कर अभिवादन किया. इस वक्त उन्होंने सुनिता फुंडकर, सागर फुंडकर व विधायक एड.आकाश फुंडकर से चर्चा की. इस दौरान भागवत ने फुंडकर के साथ में बिताये दिन के यादों को तरोताजा किया.