५ माह में ९० प्रश सीसीटीवी कैमरे बंद

शेगांव. वर्ष २०१७ में शहर में कैशिष्टपूर्ण निधि से सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया था. जिस पर पांच माह पूर्व अमल किया गया. किंतु इसमें से ९० प्रतिशत सीसीटीवी कैमरेबंद होने के कारण शहर

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शेगांव. वर्ष २०१७ में शहर में कैशिष्टपूर्ण निधि से सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया था. जिस पर पांच माह पूर्व अमल किया गया. किंतु इसमें से ९० प्रतिशत सीसीटीवी कैमरे बंद होने के कारण शहर की तीसरी आंख केवल दिखावा रह गयी.

शेगांव नगर परिषद में पूना के सेराईस्टिक सोल्युशन प्रा.लि. कंपनी को शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का ठेका दिया गया. जिसके तहत शहर के मुख्य चौराहे समेत मुख्य रास्तेपर कुल १२४ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. दिसम्बर २०१८ में कंâपनी की ओर से काम पूरा कर शेगांव पुलिस थाने में डेमो दिखाया गया था. किंतु इस वक्त भी कई कैमरे बंद थे. केवल ५ माह के भीतर ही करीबन ९० प्रतिशत कैमरे बंद होने की बात सामने आयी है. इस संदर्भ में पुलीस थाने की ओर से ६ मई को एक पत्रव्दारा न.प. को जानकारी दी गयी है. यह कैमरे खराब क्वालिटी के हैं. इसमें कैâद चित्र अस्पष्ट दिखाई देने से उसका कोई लाभ नहीं होता है.

कंपनी को अदा किए 85 लाख
शेगांव नगर परिषद ने सीसीटीवी कैमरे की जिम्मेदारी 3 साल के लिए उक्त कंâपनी को दी है. इस काम के बदले में कंपनी को अब तक ८५ लाख से रुपए अदा किए गए है. बकाया रकम देने की तैयारी चल रही है. किंतु बंद कैमरे के बारे में बोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं. शेगांव शहर संतनगरी के नाम से जाना जाता है. संत गजानन महाराज का तीर्थक्षेत्र होने से यहां पर देशभर से श्रध्दालुओं का हमेशा तांता लगा रहता है. इसलिए शहर के सुरक्षा व्यवस्था के लिए यह कैमरे लगाए गए थे. थानेदार सुनिल हुड ने जानकारी देते हुए कहा कि कैमरे बंद होने के कारण शहर में हो रही चोरी, वारदात की घटना के आरोपी उजागर होने में तथा घटना की जांच करने में मदद नहीं मिल पा रही है.