जिलाधिकारी कार्यालय के समझ तोड़े पत्थर

बुलढाना. वडार समाज की जिला प्रशासन के रायल्टी माफी विषय को लेकर निषेध आंदोलन किया गया. आंदोलन के दौरान वडार समाज ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पत्थरतोड़ कर आंदोलन किया. आंदोलन के पश्चात शिष्टमंडल

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बुलढाना. वडार समाज की जिला प्रशासन के रायल्टी माफी विषय को लेकर निषेध आंदोलन किया गया. आंदोलन के दौरान वडार समाज ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पत्थरतोड़ कर आंदोलन किया. आंदोलन के पश्चात शिष्टमंडल ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा. इस ज्ञापन में आरोप लगाया कि, पिछले आठ माह में राजस्व विभाग की ओर से वडार समाज की रायल्टी माफ नहीं की. जिसके कारण समाज पर आज भूखों मरने की नौबत आन पड़ी है. जिला प्रशासन के इस निर्णय का निषेध जताते हुए वडार समाज की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पत्थरतोड़ आंदोलन कर इस निर्णय का निषेध किया जाता है.

समाज रोजगार से वंचित

विदित हो कि, राज्य सरकार के 7 मार्च 2015 के निर्णय के अनुसार वडार समाज को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रायल्टी माफ करे किंतु राजस्व विभाग रायल्टी माफ नहीं की . समाज को रोजगार से वंचित रखा गया है. रोजगार नहीं मिलने से वडार समाज विस्थापित हो रहा है. उनके परिवार व बच्चों की शिक्षा का प्रश्न गंभीर बनता जा रहा है. जिसके कारण बहुजन मुक्ति मोर्चा व वडार समाज की ओर से पत्थरतोडों आंदोलन कर प्रशासन का निषेध किया है.

इस आंदोलन में जिलाध्यक्ष शेषराव पवार, भाई प्रदीप अंभोरे, किसन तायडे, भारत मुंढे, गजानन देवकर, सदाशिव जाधव, कैलास धनवटे, कैलास झिरे, सखुबाई चव्हाण, अनुसया झिरे, लीलाबाई झिरे, रुपाली धनवटे, माला धोतरे, किसन गुंजकर, संतोष गुंजकर, तुलसीराम गुंजकर, एकनाथ पवार, संजय इटकर, राजू इटकर, संजय धनवटे आदि उपस्थित थे.