Now the crisis on crops from Toldhakali - Agriculture Department advised to be cautious

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    • किसानों ने ली राहत की सांस

    बोरगांव मंजू.  परिसर में पिछले दो से तीन दिनों से हो रही बारिश से मुरझाई गई फसलों में जान आने लगी है. बारिश होने से दम तोड़ती फसले अब लहलहाने लगी है. जिससे परिसर के किसानों ने राहत की सांस ली है. हो रही बारिश से किसान, व्यापारी और मजदूरों में खुशी का वातावरण दिखाई दे रहा है. 

    मौसम के हिसाब से बारिश का मौसम जून महीने से ही शुरू हो जाता है. जिसे देखते हुए किसानों ने अपने खेतो की अपने सहूलियत के हिसाब से फसलों की बुआई की है. फसलों का पूरा दारोमदार बारिश के पानी पर ही निर्भर है. शुरू में काफी अच्छी बारिश भी हुई. लेकिन बीच में बारिश रुक जाने से हजारों एकड़ जमीन पर बुआई की गई लहलहाती फसलें मुरझाने लगी थी. जिसे देखकर किसानों में भी चिंता का वातावरण दिखाई देने लगा था. बहुत सी फसलें बर्बाद होने की कगार पर थी.

    अगर अब भी बारिश नहीं होती तो हजारों एकड़ पर की फसलें बर्बाद हो जाती. लेकिन 2 से 3 दिनों से कभी जोरदार तो कभी हल्की बारिश हुई. जिससे मुरझाई गई फसलों में जान आ गई. और फसलों को नई संजीवनी मिली है. इस के साथ हजारों एकड़ में चारो तरफ लहलहाती फसलें देखकर किसानों में खुशी की लहर देखने मिल रही है. 

    बारिश न होने से गर्मी बहुत अधिक हो रही थी. मौसम के बदले रुख से बुखार, सिरदर्द, खांसी, सर्दी, वायरल जैसी बीमारियां हो रही थी. बारिश के बाद मौसम ठंडा हो गया है. बारिश न होने से काम धंदे भी लगभग बंद हो गए थे. बारिश के बाद जहां किसान खुश नजर आए, वहीं व्यापारी और मजदूरों में भी खुशी का वातावरण देखने मिला.