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    मुंबई: मुंबई नगर निगम (BMC) में सत्ता रहने वाली शिवसेना को बड़ा झटका लगा है। शिंदे-फडणवीस (Maharashtra Government) सरकार ने कैग (CAG) (भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक) नामक एक स्वायत्त संगठन के माध्यम से कोरोना काल में कार्यों के आवंटन की जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले राज्य के विधानसभा सत्र के दौरान भी मुंबई नगर निगम के कामकाज को चर्चा हुई थी। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी ऐलान किया था कि मुंबई नगर निगम के लिए कैग का विशेष ऑडिट कराया जाएगा। भाजपा ने पहले आरोप लगाया था कि मुंबई नगर निगम में विभिन्न कार्यों में घोटाला हुआ है।

    मुंबई नगर निगम (BMC) में कोरोना सेंटर का आवंटन, आवश्यक वस्तुओं की खरीद और अवैध तरीके से काम का वितरण सभी की जांच की जा रही है। कोरोना काल में लोगों को असुविधा न हो इसके लिए बिना टेंडर प्रक्रिया किए तत्काल सुविधाओं के निर्माण और सामान खरीदने को प्राथमिकता दी गई। हालाँकि, बीजेपी ने बार बार आरोप लगाया है कि, मुंबई नगर निगम ने इस अधिकार का दुरुपयोग किया और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। 

    वहीं, राज्य सरकार ने अब कैग को इन सभी मामलों की जांच करने के आदेश दिए है। वहीं, इस मामले की सच्चाई जल्द से जल्द जनता के सामने आने के लिए कैग के माध्यम से रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। 

    बीजेपी ने आरोप लगाया है कि, नगर निगम में कोरोना सेंटर स्थापित करने में भ्रष्टाचार, कोरोना के नाम पर खरीदी, दहिसर में जमीन खरीद का मामला, ऑक्सीजन व ऑक्सीजन उत्पादन परियोजना में घोटाला और नगर पालिका के कुछ अधिकारी और कर्मचारी ने अपनी  कंपनियां शुरू कर पालिका के काम किए। वहीं, अब कैग के जरिए इन अभी की जांच की जाएगी।