
मुंबई: 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में सीबीआई (CBI) की जांच जारी है। इस कड़ी में सीबीआई ने शुक्रवार को 7 पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। वसूली के आरोपों में घिरे महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की सुरक्षा में यह पुलिसकर्मी तब तैनात थे जब देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे। देशमुख फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक केस में जेल में बंद हैं। उन्होंने ईडी ने गिरफ्तार किया था।
बता दें कि, मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है।दरअसल देशमुख मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए कम से कम पांच समन पर पेश नहीं हुए थे, उच्च न्यायालय ने इन सम्मनों को रद्द करने से इनकार कर दिया था इसके बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे और लंबी पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था।
Rs 100 Crore extortion matter | CBI recorded statements of 7 people in Mumbai yesterday. These seven are Police personnel who were deployed for the security of Anil Deshmukh when he was the Home Minister of Maharashtra.
— ANI (@ANI) December 11, 2021
वहीं शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कहा कि, ईडी (ED) के निर्णय लेने वाले प्राधिकारी धन शोधन के मामले (Money Laundering Case) में महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) और उनकी पत्नी आरती देशमुख के संपत्ति की अस्थाई रूप से जब्त करने के बारे में सुनवाई कर सकता है और अंतिम आदेश भी पारित कर सकता है, लेकिन वह इस संबंध में 10 जनवरी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने ईडी को निर्देश दिया कि वह धन शोधन मामले में अपनी संपत्तियों के अस्थाई रूप से जब्ती के एजेंसी के आदेश को चुनौती देने वाली आरती देशमुख की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करे। याचिका में आरती देशमुख ने दावा किया है कि, वह अपनी संपत्तियों की अस्थाई रूप से जब्ती संबंधी सुनवाई के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एजेंसी इस संबंध में कानून का पालन नहीं कर रही है।