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राजुरा. वेकोलि बल्लारपुर क्षेत्र अंतर्गत राजुरा तहसील के सास्ती, भडांगपुर, कोलगांव, मानोली, धोपटाला, माथरा एवं अन्य गांवों के किसानों की जमीन वेकोलि ने अधिग्रहित की. लेकिन नियमों के अनुसार अधिकांश किसानों को नौकरी पर नहीं लिया जा सका. वेकोलि को जमीन अधिग्रहण किए कई वर्ष बीत चुके है. वेकोलि के कई परियोजना प्रभावित लोगों को अब तक नौकरी में समाविष्ट नहीं किया गया. प्रभावित किसानों के संयम का बांध शुक्रवार की सुबह टूट गया. 3 प्रकल्प पीड़ितों ने टावर पर चढ़कर 4 घंटे तक वीरूगीरी की. अंत में प्रबंधन ने एक महीने में सभी को नौकरी पर लेने का आश्वासन दिया. जिसके बाद तीनों नीचे उतर आए.

टावर के पास जमा हुई भीड़
शुक्रवार की सुबह करीब 7 बजे धोपताला कालोनी स्थित मोबाइल टावर पर प्रकल्प पीड़ित मारोती मावलीकर, संजय बेले, विलास घटे चढ़ गए. उनके टावर पर चढ़ते ही अन्य प्रकल्पग्रस्तों का परिसर में जमावड़ा लग गया. प्रशासकीय अधिकारी, पुलिस एवं वेकोलि अधिकारी भी स्थल पर आ गए. 2 घंटे बाद टावर पर चढ़े प्रकल्पग्रस्तों को उतारने के लिए नीचे जाली बिछाकर पानी की बौछार के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलाई गई.

हालांकि इसकी नौबत नहीं आई. सुबह करीब 11.30 बजे वेकोलि प्रशासन ने 30-35 दिन के भीतर एग्रीमेंट पूरा कर उसके आगे की कार्रवाई भी एक माह में पूर्ण करने का लिखित आश्वासन दिया. जिसके बाद तीनों प्रकल्पग्रस्त नीचे उतरे. मौके पर महाप्रबंधक सब्यसाची डे, महाप्रबंधक संचालन सी.पी. सिंह, वी.वी. परांजपे अमला अधिकारी खनन, जे.के. तिवारी उपक्षेत्रीय प्रबंधक सास्ती, डी.के. तहाने क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक, जी. पुल्लिया, प्लानिंग अधिकारी, उपविभागीय पुलिस अधिकारी स्वप्निल जाधव, पुलिस निरीक्षक नरेंद्र कोसुरकर, प्रकल्प सदस्य विजय चन्ने, प्रहार के सूरज ठाकरे, बंडू जुलमे, प्रभाकर येरने, किशोर आदि उपस्थित थे.