UPSC
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    चंद्रपुर. चंद्रपुर जिले के 4 परीक्षार्थियों ने संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की है. चंद्रपुर निवासी अंशुमन यादव ने 242 वां, वरोरा के आदित्य जीवने ने 399, मूल के सुबोध मानकर ने 648 वां और सावली के देवव्रत मेश्राम ने आल इंडिया रैंकिंग में 713 वां स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है. एक साथ 4 विद्यार्थियों के यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण हुए ऐसा चंद्रपुर के इतिहास में पहली बार हुआ है.

    अंशुमन में अपनी रैंकिंग में किया सुधार

    चंद्रपुर के जटपुरा गेट परिसर में रहने वाले और वर्तमान में दिल्ली में उपजिलाधिकारी के रुप में कार्यरत अंशुमन यादव ने अपने रैंकिंग में सुधार की ही है. गत वर्ष यादव ने 372 स्थान प्राप्त किया और वे दिल्ली में उपजिलाधिकारी के रुप में कार्यरत है. अपनी रैंकिंग में सुधार के लिए उन्होंने पुन: परीक्षा दी और इस बार 242 वां स्थान प्राप्त किया है. अंशुमन के पिता वेकोलि में कार्यरत है.

    कोरोना और परीक्षा की जंग जीता आदित्य

    कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित पाए जाने के बाद सिटी स्कैन स्कोर 18 होने के बाजवूद हास्पिटल और मौत से लडकर वरोरा के आदित्य जीवने ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. आल इंडिया रैंकिंग में उसने 399 वां स्थान प्राप्त किया है. मूलत: वरोरा निवासी आदित्य ने सेंट एनिस कान्वेंट से 2011 में कक्षा दसवीं की परीक्षा 92 प्र.श. अंक प्राप्त किए. नागपुर के यशवंतराव चौहान इंजीनियर कालेज से मेक्यानिकल इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त कर यूपीएससी के लिए दिल्ली पहुंच गया.

    उसने पहले प्रयास में ही सफलता अर्जित करने के बाद साक्षात्कार में असफल हो गया. किंतु इससे निराश न होकर आदित्य ने पुन: तैयारी की 399 वां रैंक प्राप्त किया. किंतु आदित्य को इसके लिए जीवन की बडी परीक्ष देनी पडी. यूपीएससी परीक्षा के बाद वह कोरोना संक्रमित हो गया. सिटी स्कैन में उसका स्कोर 18 था किंतु डाक्टरों ने उसे जीवनदान दिया.

    सुबोध मानकर ने भी सुधारी रैंकिंग 

    सुबोध मानकर ने यूपीएससी परीक्षा में दूसरी बार सफलता प्राप्त की है. सुबोध ने प्रशासकीय सेवा में काम करते हुए देश के कानून ओर योजनाओं का निस्वार्थ भावना से पालन कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया है. परीक्षा के लिए कोचिंग की आवश्यकता नहीं होती. बल्कि अपनी जिद, मेहनत और लगन से परीक्षा में दूसरी बार सफलता प्राप्त की है. समाजसेवी और पूर्व शिक्षक रमेश मानकर के पुत्र सुबोध ने मूल के बाल विकास विद्यालय और नवभारत विद्यालय से प्राथमिक और कक्षा दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण की.

    इसके बाद नागपुर के एम.पी. देव धरमपेठ विज्ञान महाविद्यालय से स्थातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर यार्डली साफ्टवेयर कंपनी में कुछ वर्ष बेहतर सेवा दी. 2018 में उसने संघ लोकसेवा अयोग की परीक्षा में शामिल हुआ और 673 वां स्थान प्राप्त किया. किंतु उसे समाधान नहीं हुआ और इस बार पुन: परीक्षा देकर 648 वां स्थान प्राप्त किया है. सुबोध सिकंदराबाद के भारतीय रेलवे अकाऊंट सर्विस में वरिष्ठ अधिकारी के रुप में सेवारत है. 

    परीक्षा उत्तीर्ण होने वाला देवव्रत तहसील से पहला

     संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई परीक्षा में चंद्रपुर के पिछडे समझे  जाने वाली वाली सावली तहसील के देवव्रत वसंत मेश्राम ने देश से 713 वां स्थान प्राप्त कर सावली का नाम रोशन किया गया है. सामान्य लोगों की धारणा है कि परीक्षा बडे शहरों में लिए महंगे कोचिंग क्लासेस की आवश्यकता होती है. किंतु देवव्रत ने इस धारणा को झुठला दिया है. उसके पिता वसंत मेश्राम शिक्षक है और माता गृहणी. देवव्रत ने कथा 4 थीं तक की शिक्षा जिलापरिषद प्राथमिक शाला सावली से प्राप्त की.

    इसके बाद तलोधी बालापुर स्थित नवोदय विद्यालय के लिए चुना गया. आईआईटी खडकपुर से इलेक्ट्रानिक इंजीनियर की पदवी प्राप्त कर यूपीएससी की परीक्षा दी. कडी मेहनत के बल पर वह पहले ही प्रयास में सफल रहा और 713 वां स्थान प्राप्त किया है. चारों यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों ने अपनी सफलता का श्रेय माता, पिता और गुरुजनों को दिया है.