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    • 47 मकान पूरी तरह ढह, 5156 मकानों को आंशिक नुकसान

    चंद्रपुर: नदी- नालों के किनारे बसनेवालों के लिए हमेशा से ही बाढ का खतरा बना रहता है. जिस भी वर्ष मानसून अपना रौद्र रूप दिखाता है नदी-नालों के किनारे बसे लोग इसकी मार झेले बिना नहीं रह पाते है. जिले में बाढ का एक पूरा इतिहास रहा है परंतु अब भी लोग 1986, 2013 की बाढ को याद करते है. इस वर्ष भी मात्र 15 दिनों में ही लोगों को एक साथ दो बार बाढ का सामना करना पड़ा और इसमें लोगों का जो नुकसान हुआ है. उसका अंदाज लगा पाना कठिन है.

    सरकारी यंत्रणा ने जिस तरह के आंकडे जुटाऐ है उसके अनुसार जिले में मात्र 15 दिनों के भीतर 7604 लोगों ने बाढ की तबाही झेली. इनमें से 15 लोगों ने जान गंवाई जबकि 12 लोग घायल हुए. 26 मवेशियों की मौत हुई और 47 मकान पूरी तरह ढह गए जबकि 5156 मकानों को आंशिक नुकसान हुआ. बाढ बहने वालों की संख्या कम है जबकि गाज की चपेट में आकर 12 लोगों ने जान गंवाई है. 

    7 जुलाई से लेकर 23 जुलाई तक बाढ ने अपना असर दिखाया जिसमें काफी तबाही मची. सरकारी आंकडों के अनुसार 1 जून से लेकर 23 जुलाई के बीच चंद्रपुर तहसील में 3 की मौत एक व्यक्ति घायल हुआ, वरोरा में एक व्यक्ति की मौत हुई, भद्रावती में एक व्यक्ति की मौत और 4 घायल हुए, चिमूर में 3 की मौत हुई दो घायल हुए. पोंभूर्णा में 1 व्यक्ति की मौत हुई. राजुरा में 2 की, कोरपना में एक व्यक्ति की मौत हुई दो घायल हुए., जिवती में एक व्यक्ति की मौत हुई. मूल और नागभीड में एक -एक व्यक्ति घायल हुआ. 

    बाढ में ब्रम्हपुरी, राजुरा और जिवती में एक एक व्यक्ति बहा था. जबकि गाज की चपेट में आने से चंद्रपुर में 3 , मूल में 1, भद्रावती और चिमूर में 5-5, कोरपना में 3 ब्रम्हपुरी, नागभीड, गोंडपिपरी, पोंभूर्णा में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है. अन्य हादसों में दीवार ढहने से भद्रावती में 1 व्यक्ति की मौत 4 घायल हुए, चिमूर में 3 की मौत और  2 घायल हुए. ब्रम्हपुरी में 2, कोरपना में एक की मौत और दो घायल हुए.

    मवेशियों में चंद्रपुर में 4, मूल में 1 , भद्रावती में 6 , चिमूर में 1 , ब्रम्हपुरी में 2, नागभीड़ में 2 , जिवती में 10 कुल 26 मवेशी मारे गए. इसके अलावा छोटे जानवर 35 मारे गए है. बोझ उठानेवाले 11 जानवर मारे गए है. पूरी तरह से ढह गए मकानों में चंद्रपुर में 2, बल्लारपुर में 2, मूल में 3, सावली में 7, चिमूर में 17, सिंदेवाही में 1 , ब्रम्हपुरी में 5, गोंडपिरी में 1, राजुरा में 9 कुल 47 मकान पूरी तरह ढह गए. आंशिक रूप से ढह मकानों में चंद्रपुर में 355, बल्लारपुर में  180, मूल में  1214, सावली में  436, वरोरा में 166, भद्रावती में 146, चिमूर में 865, सिंदेवाही में 178, ब्रम्हपुरी में  275, नागभीड में 125 ,गोंडपिपरी में 121, पोंभूर्णा में 114, राजुरा में 201, कोरपना में 299, जिवती में 381 मकान कुल  5156 मकान क्षति्ग्रस्त हुए.इसके अलावा 97 झोपडियों और 257 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा.

    सरकारी यंत्रणा अनुसार बाढ में मृत और घायल कुल 27 लोगों में से 25 लोगों को कुल 56 लाख  43 हजार रुपये की सहायता दी गई. इस दौरान बाढ में कुल 1934 परिवार बाढ में प्रभावित हुए. इसमें चंद्रपुर में 210, बल्लारपुर में 35, सावली में 9 , वरोरा में 607, भद्रावती  481, चिमूर में  592 परिवार का समावेश है. इनमें प्रभावित लोगों की संख्या चंद्रपुर में 985, बल्लारपुर में 170, सावली में 25, वरोरा में  2722, भद्रावती में 1926, चिमूर में  1776 कुल मिलाकर  7602 लोग प्रभावित हुए है. 

    30 जुलाई को 6 की मौत

    शनिवार 30 जुलाई को आसमानी आफत में छह लोगों ने जान गंवाई जिसमें सबसे दुखद घटना वरोरा तहसील के शेगांव में हुई जिसमें एक साथ 4 लोगों की मौत हो गई. जूनोना में एक व्यक्ति पानी के बहाव में बह गया और एक वृध्द की गाज गिरने से दिमाग की नस फटने से मौत हो गई.