राजुरा बल्लारपुर के बीच वर्धा नदी पर मजबूत रोपवे पुल बनाये, छावा फाउंडेशन ने मुनगंटीवर को सौंपा निवेदन

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    राजुरा. राजुरा बल्लारपुर तहसील के बीच वर्धा नदी बहती है. इस नदी पर लगभग 55 वर्ष पुराना पुल है जो वर्तमान में खतरनाक हो गया है. इसलिए इस पुल को तत्काल निधि उपलब्ध करा इसकी जगह रोपवे पुल बनाने की मांग पूर्व विधायक अधि. संजय धोटे की अगुवाई में छावा फाउंडेशन ने पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को सौंपे निवेदन में की है.

     इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण ने 1962 में किया था. इसका निर्माणकार्य चार वर्षो तक चला और बस पुल पर से  1966 में वाहनों का आवागमन शुरु हो गया है. इस पुल से होकर महाराष्ट्र आंध्रप्रदेश के वाहनों का आवागमन होता है. कोरपना तहसील के गडचांदुर स्थित विश्व स्तरीय सीमेंट कंपनी के वाहनों का आवगामन भी इसी मार्ग से होता है. इस पुल की लाईफ समाप्त हो चुकी है. इसकी वजह से बरसात के दिनों जब वर्धा नदी उफान पर रहती है तो पुल से गुजरने वाले वाहनों के चालकों का हाल बेहाल होता है.

    बरसात के दिनों में नदी में बहकर आने वाली लकडियों की वजह से पुलिया को नुकसान न पहुंचे इसके लिए पुलिया की रेलिंग निकाल दी जाती है. जिसकी वजह से दोपहिया वाहन चालकों को पुल से गुजरते समय तेज हवा लगती है और उनके संतुलन बिगडने का डर बना रहता है. बरसात के दौरान पुलिया के उपर से पानी गुजरने से अब पुल पर बडे बडे गड्ढे हो गए है जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

    पांच दशक पुराने पुल की अहमियत आज भी बरकारार है. क्योंकि इसी मार्ग से अंतरराज्यीय वाहनों का परिवहन होता है. भले फोरलेन मार्ग बन गया है किंतु यह पुल आज भी पूर्व की भांति संकरा है. इसलिए वर्धा नदी पर मजबूत तार का रोपवे पुल बनाने की मांग का निवेदन सरकारी विश्राम गृह राजुरा में पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवर को सौंपा है.

    निवेदन सौंपने वालों में पूर्व विधायक अधि. संजय धोटे, सुदर्शन निमकर, , छावा फाउंडेशन के अध्यक्ष आशीष करमरकर, उपाध्यक्ष बबलू चव्हाण ,सचिव आकाश वाटेकर, कोषाध्यक्ष संदीप पोगला, रंजीत उगे, रखिब शेख, देवकिशन वनकर, प्रशांत वाटेकर, लोकेश बुटले, अभय हनमंते, प्रफुल बोबडे, चेतन सतपुते आदि ने की है.