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    चंद्रपुर. राज्य सरकार में विलय की मांग के कर्मचारी आंदोलन कर रहे है. आज आंदोलन का 77 वां दिन है. निगम की ओर से बार बार अपील के बाजवूद कर्मियों के काम पर न लौटने के बाद अब निगम ने जितने कर्मचारी लौटे है उनके बूते पर बसों को चलाना शुरु कर दिया है. आज जिले के चंद्रपुर, वरोरा और राजुरा डिपो से बसे रवाना हुई है. वहीं चिमूर डिपो से आज तक बस नहीं चली है.

    आज चंद्रपुर डिपो से कुल 13 बसे मुसाफिरों को लेकर रवाना हुई है. जिसमें 2 बसे तेलंगाना राज्य के आदिलाबाद, सबसे अधिक भीड वाले उपराजधानी नागपुर के लिए 2, गडचिरोली जिले के आलापल्ली के लिए 2, ब्रम्हपुरी 2, सावली तहसील के व्याहाड 2 और एक बस वरोरा के लिए चली है. इसके अलावा वरोरा डिपो की 2 बसे वरोरा से चंद्रपुर और दो बसेस वरोरा से वणी के लिए यात्रियों को लेकर दौडी है.

    इसके अलावा राजुरा डिपो से दिन भर राजुरा चंद्रपुर के बीच यात्रियों की सेवा में जुटी रही है. रापनि की बस चलने से यात्रियों को कुछ राहत मिली है. किंतु आज चिमूर डिपो से एक भी बस नहीं चली है. चद्रपुर डिपो की 13 बसों ने 36 फेरियों में कुल 3062 किमी की दूरी तय कर यात्रियों को सुविधा दी है. रापनि की बसेस शुरु होने लगी है जिससे यात्रियों को भी निजी बसों की परेशानी से छुटकारा मिलने की संभावना है.

    दौड़ती थी कुल 245 बसे

    चद्रपुर डिविजन अंतर्गत चंद्रपुर, राजुरा, वरोरा और चिमूर डिपो का समावेश है. जिसमें चंद्रपुर डिपो की 92, राजुरा की 62, चिमूर की 55 और वरोरा की 36 बसों के बसों के माध्यम से हडताल के पूर्व तक यात्रियों को सेवा दी जाती थी. चारों डिपो मिलाकर प्रतिदिन 23 लाख के आस पास का कलेक्शन होता है. जिसमें चंद्रपुर और राजुरा डिपो से सर्वाधिक आय होती थी. वहीं इसके बाद चिमूर और वरोरा डिपो का क्रमांक आता है.  किंतु आज की तारीख में इसमें से महज 18 बसें शुरु होने से निगम का भारी नुकसान हो रहा है.

    अनेकों के खिलाफ हो कार्रवाई

    हडताल में शामिल अनेक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी है. जिसमें से रापनि ने 100 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी है. वहीं 100 से अधिक को निलंबित किया है इसके अलावा अनेक कर्मचारियों का तबादला किया है. इसके बावजूद आज भी सैकडों कर्मचारी अपनी मांग पर डटे है. किंतु अब कुछ बसेस चलने से यात्रियों को कुछ तो राहत मिली है.