केंद्रीय टीम ने किया क्षतिग्रस्त गांवों का निरीक्षण, ग्रामीणों की समस्या का जाना

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    चंद्रपुर. 15 दिन पहले जिले में भारी बारिश के कारण कई तहसील बुरी तरह प्रभावित हुए थे. इन क्षतिग्रस्त गांव का निरिक्षण करने हेतु केंद्रीय टीम आज बुधवार को जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पहुंची. टीम ने भद्रावती तहसील के चारगांव, देउलवाड़ा, माजरी, पलसगांव, पाताला, मनगांव और वरोरा तहसील के करंजी, सोईत, दिधोरा गांव का दौरा कर क्षतिग्रस्त कृषि भूमि, ढहे मकान, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय आदि का निरीक्षण किया. साथ ही नागरिकों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं. 

    इस केंद्रीय दल में गृह विभाग के संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार राजीव शर्मा, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के निगरानी निदेशक हरीश उंबर्जे, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की सहायक निदेशक मीना हुड्डा और ग्रामीण विकास मंत्रालय के निदेशक डॉ. मानिकचंद्र पंडित शामिल थे. जिलाधिश अजय गुल्हाने, वरोरा के उपविभागीय अधिकार सुभाष शिंदे, लोकनिर्माण विभाग की अधीक्षक अभियंता सुषमा सखरवाडे, महावितरण के अधीक्षक अभियंता संध्या चिवंडे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी भाऊसाहेब बहार्टे, जी.प. निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रमेश शंभरकर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार गहलोत आदि उपस्थित थे. 

    केंद्रीय टीम ने दौरे की शुरुवात चारगांव से की. इस अवसर पर उन्होंने प्रभावित गांव में क्षतिग्रस्त कृषि भूमि, लगातार बारिश से गिरे नागरिकों के घरों और क्षतिग्रस्त मकानों, जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय, ग्राम पंचायत, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र, पुलिस स्टेशन, सभागार, नदी नाले के प्रवाह का पानी गांव में आने का मार्ग, क्षतिग्रस्त सड़कें आदि का मुआयना किया. 

    इस मौके पर सभी गांवों के नागरिकों ने टीम के सामने अपनी समस्याएं रखीं. उन्होंने बाढ़ की स्थिति के बारे में भी बताया. लगातार हो रही बारिश से 100 प्रतिशत कृषि बर्बाद हो गई है. सरकार ने खरीफ का बैंक कर्ज माफ करना चाहिए तथा दोहरी बुआई के लिए बैंकों को शीघ्र कर्ज उपलब्ध कराने के बैंक को निर्देश दिए जाने चाहीए. अधिकांश गांवों में नालों का गहराईकरण व चौडाईकरण करने की आवश्यकता है. साथ ही वेकोली के ओव्हर बर्डन से गांव में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसलिए ग्रामीणों ने इसका बंदोबस्त करने की मांग की है. 

    जिलाधिश अजय गुलहाने ने बताया कि सभी क्षतिग्रस्त गांवों में कृषि व मकानों का तत्काल पंचनामा कराने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही कृषि को बड़े पैमाने पर नुकसान होने पर बैंकों को तत्काल कर्ज योजना के तहत किसानों को 50 हजार रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है. बाढ से जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उनकी कर्जमाफी के लिए अलग सूचियां तैयार करने और बुनियादी ढांचे और बाढ़ पीड़ितों को हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने के लिए भी सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने की जानकारी जिलाधिश ने दी. 

    उक्त टीम के साथ उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी कपिल कलोड़े, संग्राम शिंदे, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता काले, प्रभारी जल संरक्षण अधिकारी प्रियंका रायपुरे, पशुपालन उपायुक्त डॉ. मंगेश काले सहित तहसील प्रणाली के अधिकारी उपस्थित थे.