बारदाना न होने से वरोरा में चना खरीदी ठप, प्रहार के साथ किसानों ने किया भजन आंदोलन

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    • पूर्व सभापति ने सिंदेवाही से उपलब्ध कराये बारदाना

    वरोरा. तहसील के 1478 किसानों ने चना खरीदी के लिए वरोरा कृषि उपज बाजार समिति अंतर्गत पंजीयन किया था. चंद्रपुर जिले के चना खरीदी के लिए दस कंपनी है. किंतु खाली बारदाना उपलब्ध न होने की वजह से आज 50 प्रश किसानों की चना खरीदी नहीं हुई है. बरसात पूर्व चना खरीदी नहीं हुई तो किसानों का भारी नुकसान हो सकता है. इसलिए आज प्रहार की ओर से वरोरा चौक पर भजन आंदोलन कर चना खरीदी शुरु करने की मांग की.

    चना खरीदी के बाद उसे भरकर रखने के लिए बारदाना उपलब्ध न होने की वजह से बाजार समिति ने चना खरीदी से इंकार किया. बाजार समिति में 1478 किसानों ने चना बिक्री के लिए पंजीयन किया था. जिसमें 760 किसानों को खरीदी के लिए बुलाया गया और 678 किसानों के चना की तौलाई की गई. 107 किसानों का चना खरीदी के लिए पंजीयन नहीं हो सका है. इसलिए प्रहार की ओर से किसानों ने आज बुधवार को शहर के मध्य में भजन आंदोलन कर निषेध प्रदर्शन किया

    विदर्भ में चना की पैदावार बडे पैमाने पर की जाती है. किंतु किसानों से हेक्टेयर 7.5 क्विंटल चना नाफेड द्वारा खरीदी जा रहा है. वहीं पश्चिम महाराष्ट्र के जिले में हेक्टेयर 15 क्विंटल की दर से नाफेड चना खरीदी कर रही है. इस प्रकार नाफेड जिले के किसानों के साथ अन्याय कर रही है ऐसे विचार आंदोलनकारियों ने व्यक्त किए.

    नाफेड ने चना खरीदी का टारगेट पूरा होने से खरीदी बंद कर दी थी. किंतु किसानों के पास अब भी चना बाकी होने की वजह से प्रशासकी अधिकारियों को निवेदन देकर चना खरीदी शुरु करने की मांग की. इसलिए 30 मई से चना खरीदी शुरु की है. महामंडल में चना खरीदी के बाद रखने की जगह अपर्याप्त है.

    900 से अधिक किसानों का चना बाकी

    पूर्व सभापति राजेंद्र चिकटे ने कहा कि तहसील के 900 से अधिक किसानों का चना आज तक खरीदी नहीं किया गया है. किसानों की समस्या को देखते हुए उन्होंने चंद्रपुर डीएमओ से चर्चा कर सिंदेवाही से 16 गांठ बारदाना तुरंत बुलाया और चना खरीदी शुरु की. किंतु शासन द्वारा निर्धारित 18 जून तक किसानों का चना खरीदी हो पाना संभव नहीं लग रहा है. इसलिए किसानों का चना खरीदी की समय सीमा बढाने की मांग की है.