बढ़ती महंगाई व जीएसटी के खिलाफ कलेक्ट्रेट के सामने भाकपा का धरना

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    • जिले को गीला अकाल घोषित कर 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के राहत की मांग 

    चंद्रपुर. पिछले वर्ष कोल्हापुर के बाढ़ पीड़ितों को सरकार द्वारा दी गई सहायता 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर थी. इसका विचार करते हुवे कम से कम 50 हजार रूपए हेक्टेयर घोषित करने की आवश्यकता है. साथ ही बढती महंगाई से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ रहा है. सरकारी इसी नितियों के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, किसान सभा के नेतृत्व में जिलाधिश कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया गया. इस दौरान सरकार के खिलाफ घोषणाबाजी की गई. इस धरने और आंदोलन के माध्यम से कड़ा विरोध जताते हुए जिलाधिश अजय गुलहाने के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को विभिन्न मांगों का ज्ञापन भेजा गया. 

    विदर्भ और मराठवाड़ा में जुलाई माह में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुवा था. सिंचाई, महाजनको, कोयला खदानों की पोल खुल गई. चंद्रपुर जिले में गोसेखुर्द बांध और इरई नदी बांध के दरवाजे खुलने से बैक वाटर और बारिश के कारण हजारों हेक्टेयर खेती व फसले बर्बाद हो गई है. भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई किसान अपने घर खो चुके हैं और 1000 हेक्टेयर से अधिक कृषि को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में किसान की सहायता करना सरकार की वैधानिक जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार के एनडीआरएफ के मानदंड उचित नहीं हैं ऐसा आरोप लगाया जा रहा है.

    आंदोलन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रा. नामदेव कन्नाके, आयटक जिला सचिव का. विनोद जोडगे, किसान सभा के नेता प्रकाश रेड्डी, लाल बावटा खेत मजदूर यूनियन कां रवींद्र उमाटे, स्कूल पोषाहार संघ के जिला सचिव वनिता कुंठावार, आशा कार्यकर्ता सविता गटलेवार, प्रतिमा कायरकर, प्रमिला बावने सहित संगठन के पदाधिकारियों ने किया.

    आंदोलन में बढ़ती महंगाई को कम करने, जीएसटी को रद्द करने, जिन किसानों को भारी बारिश से नुकसान हुआ उन्हें 50,000 हेक्टेयर की मदद करें, जिनके मकान गीरे है उन्हे तत्काल आश्रय प्रदान करे, गोसेखुर्द बांध, इरई नदी के पानी के बहाव से  किसानों को नुकसान हुवा है उन्हे विशेष सहायता की व्यवस्था की जाए, वन अधिकारों के लंबित दावों का समाधान और याचिकाओं पर गहन विचार करने, भुविकास बैंकों को बंद कर दिया गया है और वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा की है उनके सात-बारह से बोझ उतार दीए जाने, अलग से सात-बारह, फेरफार, भारी बारिश के कारण मुआवजे के लिए सरकारी सहायता, और वन भूखंड प्राप्त करने वाले किसानों को अन्य सरकारी योजनाओं को लागू करें, कृषि को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली जानवरों को नियंत्रित करने की मांग की गई.