चंद्रपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के समय से ही बिजली उपभोक्ता हलाकान है अनेकों ने बिल नहीं अदा किया इसकी वजह से उनके घरों की बिजली कटी पडी है. ऐसे में अप्रैल महीने में बिजली विभाग ने सिक्युरिटी जमा बिल के नाम उपभोक्ताओं को एक जोर का झटका दिया है.
अप्रैल महीने में जिले के अनेक तहसीलों के उपभोक्ताओं बिजली विभाग ने अतिरिक्त सिक्युरिटी जमा के नाम पर 1990 रुपए का नियमित बिल के अलावा दूसरा बिल थमा दिया है. जिसे 6 महीने की किश्तों में भरने का आदेश दिया गया है.
इस महीने अधिक बिल की राशि
फरवरी महीने तक ठंड का सीजन था इसलिए मार्च तक उपभोक्ताओं को कम बिजली के बिल आए है और मार्च महीने में ही सुर्य देवता ने जिले पर अपना कोप दिखाना शुरु कर दिया इसकी वजह से बिजली की मांग बढी और जिन उपभोक्ताओं को मार्च महीने में 810 रुपए बिजली बिल था उन्हे तीन गुना बढकर 2490 रुपए का बिल आ गया है. अब ऐसे में बिजली विभाग की ओर से दूसरा बिल देकर उपभोक्ताओं की परेशानी को बढाया जा रहा है.
यह बिल बिजली उपयोग के आधार पर निर्धारित किया गया है. इसके अलावा बिजली विभाग की ओर से हर उपभोक्ता से हर महीने स्थिर आकार, वहन आकार और अन्य शुल्क के नाम पर राशि वसूल करती है. इसके बावजूद अब नियमिति बिल अदा करने के बाद सुरक्षा जमा के नाम यह राशि वसूल की जा रही है.
बिजली विभाग का तर्क है कि इस प्रकार के बिल सभी बिजली उपभोक्ताओं को नहीं दिए गए है. बल्कि कुछ तहसील के ऐसे ही उपभोक्ताओं को दिए गए है. जिन्होंने मीटर लेते समय डिमांड बिल कम भरा है. इसलिए अतिरिक्त बिल दिया जा रहा है. यह बिल अदा करने वालों के मई महीने के बिल से कटौती की जाएगी. किंतु बिजली विभाग के इस तर्क पर सवाल उठाये जा रहे है. क्योंकि जिस समय पर कनेक्शन लिया गया उस समय के दर के हिशाब से बिजली विभाग ने डिमांड की मांग की थी डिमांड भरने के बाद ही कनेक्शन दिया गया है. अब बिजली विभाग यह तर्क दे रही है जिन्होंने डिमांड कम भरा है यह कैसे संभव है क्योंकि बिना डिमांड के कनेक्शन ही नहीं दिया जाता है.