चंद्रपुर. एसटी निगम का राज्य की सरकारी सेवा में विलय एवं अन्य मांगों को लेकर पिछले 75 वर्षों से चली आ रही एसटी कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख नेता शरद पवार द्वारा की गई अपील का कोई खास असर एसटी कर्मियों में आज देर शाम तक नजर नहीं आया. हालांकि कुछ कर्मचारी अपने काम पर लौट रहे और बसों की फेरियों की संख्या में बढने लगी है परंतु पहले जैसे हालत अब भी नहीं बने है. चंद्रपुर डिपो से आज 12 बसेस छोड़ी गई वहीं लगभग 10 से अधिक कर्मी डयूटी पर लौट आये.
जिस तरह से एसटी कर्मियों के 22 संगठनों के पदाधिकारियों ने एनसीपी सुप्रीमो पवार के साथ हुई बैठक में सकारात्मकता दिखाते हुए काम पर लौटने आने के संकेत दिए थे उससे लगा था कि आज मंगलवार को बड़ी संख्या में एसटी कर्मियों के लौट आने से बस स्टैंडों में पूर्व की तरह चहल पहल लौट आयेगी परंतु कुछ ऐसा यहां नजर नहीं आया. हालांकि एसटी बसों की फेरियों की संख्या लगातार बढ रही है. इससे स्थिति आनेवाले दिनों में सामान्य होने की उम्मीद भी बढने लगी है.
28 अक्टूबर से राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी सरकारी सेवा में विलय की मांग के लिए आंदोलन कर रहे है. इसकी वजह से पिछले 75 दिनों से बसेस के पहिए थमे है. इसकी वजह से जहां रापनि को करोडों का नुकसान हो रहा है वहीं यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच चंद्रपुर डिपो से 6 जनवरी 3, 7, 8, और 9 जनवरी को क्रमश: 5, 5 और 7 बसेस सडकों पर दौडी थी. सोमवार को एक बस की संख्या बढकर कुल 8 बसे चंद्रपुर डिपो से रवाना हुई थी.
चंद्रपुर से सोमवार को वरोरा, वणी, चिमूर, ब्रम्हपुरी, नागपुर के लिए बसेस रवाना हुई थी. आज मंगलवार को कुल 12 बसेस छोडने से कुल चार बसों का इजाफा हुआ. बसों की संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है. जिससे यात्रियों को कुछ राहत मिल रही है. परंतु पहले जैसे दिन अब भी नहीं लौटने से यात्रियों को विशेषकर रात 7 से 9 के बीच अपने निजी कार्यालयों और व्यवसाय को बंद कर लौटनेवाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों को ऐसे में निजी वाहनों का सहारा लेने के लिए विवश होना पड़ रहा है. सभी यात्री सुबह 6 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक पूर्व की तरह बसेस शुरू होने की उम्मीद लगाये हुए है.