Tiger
File Photo

    Loading

    • काटवन के कक्ष क्र. 756 की घटना 
    • वर्षभर की परिसर की पांचवी घटना  

    मूल: सहयोगी के साथ खेत में काम करने हेतु गए खेतमजदूर पर बाघ ने हमला करने की घटना मंगलवार की सुबह मूल तहसील के काटवन कक्ष क्रमांक 756 में घटी. मृतक का नाम रामभाऊ कारू मरापे 50 है. वर्षभर की इस परिसर की यह पांचवी घटना है.

    मूल निवासी सुरेश हरडे के खेत में मृतक राम मरापे यह खेतमजदूर के तौर पर काम करता था. खेती में देखभाल करने की जिम्मेदारी राम मरापे को सौपी थी. रोज की तरह वह मंगलवार की सुबह 8 बजे रामभाऊ काटवन में खेती देखने गए. इस समय उनके साथ सहयोगी पुजम रामाजी मंगाम भी थे. खेत में जाते समय कक्ष क्रमांक 756 के एक नाले में शिकार की ताक में बैंठे बाघ ने राम मरापे पर हमला किया.

    घटनास्थल का मुआयना करने पर मृतक राम ने बाघ के हमला का प्रतिकार करने का प्रयास किया. परंतु हाथ में किसी भी प्रकार कोई साधन नही होने से राम के सारे प्रयास व्यर्थ गए. राम हमला होते ही उसके सहयोगी पुनम मंगाम ने परिसर में मौजूद अन्य सहयोगीयों को सहायता के लिए आवाज लगायी. परंतु सहायता के लिए घटनास्थल पहुचने पर विलम्ब हो गया व उसकी मृत्यु हो गई. 

    घटना की जानकारी तत्काल वनविभाग व पुलिस प्रशासन को दी गई. दोनो विभाग ने घटनास्थल पहुचकर पंचनाम किया. वनविभाग के वनपरीक्षेत्र अधिकारी घनश्याम नायगमकर, क्षेत्र सहाय्यक जोशी, वनरक्षक बंडू परचाके यह घटनास्थल पर उपस्थित हुवे थे. मूल पुलिस स्टेशन के थानेदार सतीश सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में सहा. पुलिस निरिक्षक राठोड, मेजर बावणे यह घटना स्थल पर उपस्थित थे. पोस्टमार्टम के लिए शव को उपजिला अस्पताल लाया गया. 

    घटनास्थल यह ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर क्षेत्र में आने से आजुबाजू में संपूर्ण जंगल परिसर है. परिसर में वन्यप्राणियों का अधिवास रहने से परिसर में इसके पहले भी 4 व्यक्ति व 10 से 12 पशुओं का बाघ के हमले में जान गवानी पडी. इसलिए खेत से सटे जंगल में लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगाया है. परंतु अब वन्यजीव पानी व शिकार की तलाश में गांव की ओर रूख कर रहे है.

    वन्यप्राणी जंगल छोडकर गांव आ रहे हो तो किसानेां ने खेती कैसे करना यह सवाल किसानों का खाए जा रहा है. हमलावर बाघ का त्वरीत बंदोबस्त करने की मांग ग्रामवासियों ने वन अधिकारीयों से की है. वनविभाग की ओर से मृतक राम मरापे के परिवार को वनविभाग की ओर से वनपरिक्षेत्र अधिकारी घनश्याम नायगमकर ने तत्काल 20,000 रूपए की आर्थिक सहायता की गई. आगे की सहायता के लिए पत्राचार करने का आश्वासन वनविभाग ने परिवार के सदस्यों का दिया है. 

    इसके पहले भी घटीत घटनाओं के स्थानों पर कैमेरे लगाए गए. संबंधित स्थान पर भी कैमेरे लगाए जायेंगे. दोनो स्थानों पर हमला करनेवाला बाघ व यह बाघ एक ही रहने पर उसे पकडा जायेगा.

    जी.आर. नायगमकर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी.