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    • बाघ के बंदोबस्त की मांग

    वरोरा. वरोरा तालुका के भाटाला गांव के पास बोरगांव पगडंडी मार्ग पर एक खेत में कपास चुन रहे नामदेव काटू गाराडे (70) पर एक बाघ ने हमला कर दिया. जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया है. जैसे ही बाघ उसकी ओर लपका तो उसने शोर मचाते हुए बचाने की आवाज लगाई. जिससे प्रभाकर मगरे, मैनाबाई जंभूले उस ओर पहुंचे तो बाघ जंगल की ओर भाग गया. घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इससे मजदुरों में बाघ की दहशत फैल गई है और उन्होंने बाघ के बंदोबस्त की मांग की है. इस परिसर में पिछले 8 दिनों से बाघ घुम रहा है.

    मजदूर खेत पर जाने को तैयार नहीं

    वर्तमान समय पर रबी फसल कपास की चुनाई, सोयाबीन और धान की कटाई का सीजन शुरु है. वैसे वरोरा तहसील में धान की पैदावार कम होती है. किंतु इस प्रकार तहसील के अनेक गांव में बाघ दिखाई देने से खेत में काम पर जाने से मजदूर और किसान घबरा रहे है. उनमें दहशत छाई है. खेतों में झुंड से काम पर जाने वाले मजदूर शाम का अंधेरा होने से पहले भी मजदूर खेतों से गांव लौट रहे हैं. इसके चलते कृषि कार्य बाधित हो रहा है. इसके चलते ग्रामीणों ने मांग की कि बाघ का तत्काल बंदोबस्त करें. वन अधिकारियों ने कहा कि बाघ कैमरे में कैद हुआ है और वर्तमान में जंगल में घुम रहा है.

    8 को कुएं में गिरा था बाघ

    8 नवंबर की रात शिकार के पीछे दौडते हुए एक बाघ कुएं में गिर गया था.  वन विभाग के रेस्क्यू ऑपरेशन के छह घंटे बाद बाघ के निकलने के लिए छोडी गई चारपाई की सहायता से निकलकर वह जंगल की ओर भाग गया.  इसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली. हालांकि बाघों की मौजूदगी से किसानों और नागरिकों में दहशत का माहौल है.

    पिछले कुछ वर्षों से, वरोरा तालुका के केम मोखाड़ा, सखारा आदि गांवों में हिंसक जानवर घूम रहे हैं. इस क्षेत्र में वन होने के कारण बाघों के लिए कारिडोर बनाया गया है.  कुछ दिन पहले मोखाड़ा में एक गौशाला में बाघ ने एक गाय और एक बछड़े को मार डाला था. इसी बीच सोमवार की सुबह एक बाघ शिकार की तलाश में एक कुएं में गिर गया. लेकिन वन विभाग और गैर स्वयं सेवी संगठनाओं के प्रयासों के बाद बाघ निकल आया. संभावना है कि यह वहीं बाघ है जो परिसर में घुम रहा है. इसलिए वनविभाग ने किसान और मजदुरों से सावधानी बरतने की अपील की है.