खरीफ की तैयारी में जुटा किसान, इस साल बढ़ सकता है खरीफ का कृषि क्षेत्र

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    चंद्रपुर. आगामी 10 जून तक मानसून के आगमन की मौसम की भविष्यवाणी को देखते हुए जिले के किसान अब खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए है. मानसून पूर्व खेतों को तैयार किया जाता है. इसी काम में किसान पूरे परिवार के साथ जुटे हुए है. कृषि विभाग के माने तो इस वर्ष खरीफ का क्षेत्र  पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल खरीफ का कृषि क्षेत्र बढने की संभावना है. जिले में मुख्य रूप से तीन प्रमुख फसलें धान, कपास और सोयाबीन लिया जाता है. इस बार 2 लाख से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में धान का उत्पादन किए जाने की संभावना है. 

    जिले में मूल,सावली, पोंभूर्णा, गोंडपिपरी, सिंदेवाही, नागभीड, ब्रम्हपुरी, चिमूर आदि तहसीलों में धान की फसल ली जाती है इस क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है. अनुमान यही लगाया जा रहा है कि इस बार 1 लाख 92हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान लिया जाएगा. इसके अलावा तूअर, तील, सब्जीभाजी आदि फसलें ली जाएगी. जबकि वरोरा, भद्रावती, चंद्रपुर, बल्लारपुर, राजुरा, कोरपना, जिवती इन तहसीलों में धान बहुत कम प्रमाण लेकिन कपास, सोयाबीन बडे पैमाने पर लिया जाता है. कृषि विभाग के अनुसार इस बार खरीफ क्षेत्र में वृध्दि होने का अनुमान है.

    उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष अतिवृष्टि, अवर्षण के कारण खेती का काफी नुकसान होता है. जिले की खेती पूरी तरह से मौसम पर निर्भर होने से हर वर्ष किसान नई उम्मीदों के साथ खरीफ की तैयारियों में जुट जाते है. जिले में अनेक स्थानों पर किसान खेतों को खरीफ की तैयारी में जुट गए है. खेतों की खरपतवार निकालकर खेतों की मिट्टी को मानसून की बारिश से नम करने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही बीजों, रासायनिक खाद समेत अन्य कृषि सामग्री खरीदी की के लिए पैसों का जुगाड किया जा रहा है. 

    66650 मेट्रिक टन खाद की मांग

    शासन जैविक और सेन्द्रीय खाद के इस्तेमाल पर जोर देता है परंतु जिले में बडे पैमाने पर किसानों द्वारा रासायनिक खाद की मांग की जाती है. इस बार के खरीफ मौस के लिए विभिन्न फसलों के लिए 66650 मेट्रिक टन खाद की मांग जिला कृषि विभाग से की गई है. गत मौसम में 62889 मेट्रिक टन खाद की विक्री जिले में हुई थी. वर्तमान में गतवर्ष का 18709 मेट्रिक टन खाद शेष बचा हुआ है.

    47 हजार 522 क्विंटल बीजों की मांग

    पारंपारिक बीजों के बजाय किसान संशोधित और संकरित बीजों की बुआई को प्राथमिकता देते है जिला कृषि विभाग इस बार के खरीफ मौसम के लिए 47 हजार 522 क्विंटल बीजों की मांग की है. इसमें धान 42 हजार 920 क्विंटल की मांग समावेश है. महाबीज की ओर से 27 हजार क्विंटल, राष्ट्रीय बीज निगम से 503 क्विंटल ऐसे कुल 47 हजार 522 क्विंटल बीजों की मांग दर्ज हुई है. पिछले साल 41हजार 345 क्विंटल धान बीजों मांग गई थी.