जिले में बाढ़ का कहर जारी, शहर में तीसरी बार आई बाढ

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    • सिस्टर कालोनी, रहेमतनगर, स्वावलंबीनगर, वडगांव, जगन्नाथबाबा नगर, बालाजी वार्ड, विठ्ठल मंदिर वार्ड पानी में डूबे
    • माजरी में बाढ की विभीषिका
    • कई मार्ग ठप,स्कूलों को दी गयी छुट्टी
    • कई बस्तियां हुई जलमग्न
    • मनपा ने दी सतर्क रहने की चेतावनी

    चंद्रपुर. जिले के वरोरा, भद्रावती, माजरी, चंद्रपुर शहर समेत ब्रम्हपुरी के कुछ ग्रामों के नागरिक तीसरी बार बाढ की विभीषिका झेल रहे है. यह लोगों का सौभाग्य है कि आज सुबह से शहर में बारिश का सिलसिला रूका हुआ है अन्यथा शहर में बाढ की स्थिति और भी भीषण हो जाती. शहर के नदी किनारे की सिस्टर कालोनी, रहेमतनगर, स्वावलनगर, वडगांव, जगन्नाथबाबा नगर, बालाजी वार्ड, विठ्ठल मंदिर वार्ड की कई बस्तियां जलमग्न हो गई.

    कई लोगों को नौका के सहायता से रेसक्यू किया गया है.इन क्षेत्रों के बाढ पीड़ितों को शहर के म.ज्योतिबा फुले विद्यालय और किदवाई स्कूलों में सुरक्षित पहुंचाया गया है. अन्य लोगों ने अपने करीबी रिश्तेदारों के यहां शरण ली है. जुलाई के मध्य में निरंतर बारिश के कारण जो स्थिति निर्माण हुई थी उसी तरह की स्थिति पिछले दो दिनों के भीतर फिर से निर्माण हो गई है. नदी के किनारे की जितनी भी कालोनियों, बस्तियां सभी इस समय जलमग्न हो चुकी है. यहां रहनेवाले लोग पहले बाढ की विभीषिका झेल चुके है. इसलिए लोगों ने बाढ की आशंका को देखते हुए पहले से ही बोरिया बिस्तर समेटकर अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली थी. 

    शहर के सिस्टर कालोनी में कुछ लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर पूर्व पार्षद बापू अंसारी ने आपदा प्रबंधन की टीम के सहायता से सिस्टर कालोनी के बाढ प्रभावित क्षेत्र पहुंचकर लगभग 6 लोगों को बाढ से बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इनमें एक 75 से अधिक उम्र की वृध्द महिला भी शामिल थे.

    देर शाम तक सिस्टर कालोनी में एक मकान में तीन लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर मोटरयुक्त नौका की सहायता से उन्हें भी बाहर निकालने के प्रयास जारी थी. सौभाग्य से इस बार बाढ से कोई हताहत नहीं हुआ है परंतु तीसरी बार बाढ की विभीषिका ने लोगों को पूरी तरह से तोड कर रख दिया है. घरों का कीमती और जरूरी सामान ही समेट पाने में लोग सफल हुए है.अन्य सामान और घरों की हालत काफी दयनीय होती जा रही है.

    लगातार बाढ से पक्के मकानों की हालत तक खस्ता होने से लोग काफी चिंता में है. विठ्ठलमंदिर वार्ड के क्षेत्र में कई किसान सब्जी भाजी की खेती करते है. उनका भरी नुकसान हुआ है. उनकी पूरी फसल ही पानी में डूब गई है. रहेतमनगर और पठानपुरा परिसर में स्थित में महानगर पालिका के  सिवरेज प्लांट तो पूरी तरह से पानी डूबे हुए है. पशुपालकों का भी नुकसान हुआ है.

    जिन सडकों से लोग सुबह शाम गुजारा करते है. वहां आज दिन भर नौका चल रही थी. घर आधे से ज्यादा पानी में डूबे हुए थे.परिसर की बिजली व्यवस्था और जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से खंडित हो गई है. सभी यही प्रार्थना कर रहे है कि बाढ का पानी उतरने के दौरान आसमान से आफत की बारिश ना हो अन्यथा और भी गंभीर स्थिति बन सकती है.

    24 घंटे में बारिश का ब्यौरा

    पिछले 24 घंटे में आफत की बारिश ने धान पट्टे पर अपना असर दिखाया है. यहां नागभीड तहसील में सर्वाधिक 114.4 मिमी, ब्रम्हपुरी में 104.7 मिमी, चिमूर में 93.7 मिमी  बारिश बरसी है. अन्य क्षेत्रों में बारिश का उतना अधिक प्रमाण नहीं रहा. चंद्रपुर में 28.3 मिमी, बल्लारपुर में 18 मिमी, गोंडपिपरी में 31.3  मिमी, पोंभूर्णा में 57 मिमी, मूल में 40.5 मिमी, सावली में 35.5 मिमी, वरोरा में 30.6 मिमी, भद्रावती में 46.9 मिमी, सिंदेवाही में 36.7 मिमी, राजुरा में 13.7 मिमी, कोरपना में 12.5 मिमी, जिवती में 15.7 मिमी कुल मिलाकर 45.3 मिमी बारिश हुई है. जून, जुलाई और अब तक  84.9 प्रश बारिश हो चुकी है. 

    माजरी व अन्य गांवों में बाढ़ चपेट मे

    माजरी: पिछले 4 दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदियां और नाले उफान पर हैं. कई गांवों का संपर्क टूट गया है. बाढ़ के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं. लगातार हो रही बारिश से बाढ़ आ गई है. बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. सभी तरफ  प्रमुख नदिया नाले का जलस्तर उफान पर हैं. जिसके चलते नदी के किनारे बसे गांवों को सतर्कता बरतने को कहा गया है.

    अप्पर वर्धा, लोवर वर्धा, ईसापुर, बेम्बाडा, इराई, गोसेखुर्द बांध के गेट खुलने से नदियों के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है.  वर्धा नदी का पानी पाटाला पुल से बह रहा है.  इस नदी का पानी अब भद्रावती तालुका में शिरना नदी कोंढा नाला पलासगांव के नदी से माजरी कालरी, माजरी वस्ती, पलसगांव, रालेगांव, मनगांव, थोराना, पाटाला के गांवों के घरो,दुकानो, खेतो मे घुस चुका है.  वर्तमान में नागरिकों में बाढ़ का भय बना हुआ है.

    नागरिक गांव में रहने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन कई गांवों के पास कोई रास्ता नहीं है.  पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के कारण तालुक के कई रास्ते बंद हो गए हैं. इससे वर्धा बांध का जलस्तर बढ़ रहा है.  फिलहाल आपदा प्रबंधन की टीम पलासगांव पहुंच गई है तीन नाव के जरिये गांव वालो को निकलने की व्यवस्था है लेकीन गांव के नागरिक गांव से बाहर जाने की मानसिकता में नहीं हैं.

    इस बीच  भाजपा के जिलाध्यक्ष देवराव भोंगले, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रवीण सुर , सुदर्शन समाज महासंघ के राज्य संगठन मंत्री राजेश रेवते ने मंगलवार को इन गांवों का दौरा किया है नाव मे बैठकर गाव के लोगो को समझने की कोशिश की.

    वर्तमान में वणी-वरोरा -नागपुर मार्ग, माजरी-कोंढा-भद्रावती, पलसगांव-कुचना, देउलवाड़ा-भद्रावती, चलबर्डी कोंढा- भद्रावती और अन्य मार्ग बंद हैं.  वर्धा नदी, शिरना नदी, कोंढा नाला उफान पर हैं.अप्पर वर्धा और लोवर वर्धा बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से उफान पर है.  कई नदियों में बाढ़ आ गई है और नदी के पास की खेती पानी के नीचे चली गई है.  वर्तमान में, तालुका में कहीं भी किसी की जान जाने और किसी व्यक्ति की हानि के संबंध में कोई घटना सामने नहीं आई है.  तालुका आपदा प्रबंधन विभाग समय-समय पर इन सभी बाढ़ स्थितियों की समीक्षा कर रहा है.  ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर भारी मात्रा में पानी जमा हो गया है। नदियाँ और नाले लबालब बह रही हैं.

    माजरी मे आयी बाढ से चारो तरफ पानी ही पानी भरा है.माजरी के पोलिस स्टेशन , ग्रामपंचायत, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,तलाठी कार्यालय आंबेडकर स्कुल, लिटील फ्लॉवर इंग्लिश कॉन्व्हेंट , मे फिर से भरा पानी, दस्तऐवज निकालने कर्मचारीयो की जद्दो-जहद कोशीश जारी है.

    वर्धा नदी में इस सीजन 5 वीं बार बाढ़

    हडस्ती, चारवट गांव बना टापू

    लगातार बाढ़ से किसानों का भारी नुकसान

    जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में बल्लारपुर तहसील में बाढ़ ने कहर बरपाया. इस बीच चार बार वर्धा और इरई नदी में बाढ़ आ गई. नतीजा किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. किसानों को भारी परेशानी हुई. मंगलवार 9 अगस्त को पुन: वर्धा, इरई नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है. बाढ की वजह से बल्लारपुर तहसील के हडस्ती, चारवट गांव को पानी ने चारों ओर से घेर लिया है. इस सीजन में पांचवी बार बाढ से किसान और नागरिकों का हाल बेहाल है.

    बल्लारपुर तालुका में पांचवीं बार बाढ़ के कारण, विसापुर-बल्लारपुर, विसापुर-नांदगांव (पोडे), माना-चारवट, हदस्ती मार्ग के साथ-साथ बल्लारपुर-सस्ती, बामनी-राजुरा वर्धा नदी पुल पर बाढ़ के पानी के कारण यातायात पूरी तरह से ठप पड गया है. बल्लारपुर तालुक, विसापुर, नंदगाँव (पोडे), हदस्ती, चारवट, बामनी (दुधोली), दहेली, लावारी, कलमना, आमडी, पलसगांव, कोठारी, किन्ही, कटवाली (बामनी), कावडजई आदि गांवों के खेती का भारी नुकसान हुआ है. वर्धा और इरई नदी के किनारे की कृषि पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गई है, जिससे फसल को भारी नुकसान हुआ है.

    हडस्ती और चारवट का संपर्क टूटा

    एक सप्ताह के विश्राम के बाद वर्धा और इरई नदियों ने पांचवीं बार बल्लारपुर तालुक के सुदूर छोर पर स्थित हडस्ती और चारवट के बीच संपर्क तोड दिया है. मंगलवार को इस गांव के निवासी पांचवीं बार बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इस बार लगातार आई बाढ़ से यहां के नागरिकों को काफी परेशानी हुई है. नागरिकों को लगता है कि वर्धा और इरई नदियां इस वर्ष किसानों को बर्बाद करने में लगी है. जुलाई के महीने में, प्रशासन के लिए एक बीमार महिला को बचाव अभियान के दौरान रात के समय पर अस्पताल में दाखिल करना पड़ा था.

    वर्धा नदी के प्रकोप से किसान हलाकान

    बल्लारपुर तालुक के किसानों को इस साल समय-समय पर भारी बारिश का सामना करना पड़ रहा है. यहां के अधिकांश कृषि क्षेत्र गैर सिंचाई भूमि हैं और कृषि प्रकृति पर  निर्भर है. तालुका में कुल खरीफ कृषि क्षेत्र 7 हजार 886 हेक्टेयर है लगातार बाढ़ के कारण इनमें से 5000 से अधिक कृषि क्षेत्र नष्ट हो गए हैं. कृषि का पंचनामा अब तक नहीं हुआ है किंतु इस सीजन में पांचवीं बाढ़ ने किसानों की अपेक्षाएं पूरी तरह से भंग हो गई है. बार बार आ रही बाढ की वजह से किसानों का इस वर्ष खरीफ का सीजन पूरी तरह से हाथों से निकलता दिखाई दे रहा है.

    बोकडो नदी में बाढ, वाढोणा- सावरगांव मार्ग बंद

    चंद्रपुर, ब्यूरो. पिछले सप्ताह भर से निरंतर बारिश शुरू होने से और 3 दिनों से लगातार जारी बारिश की झडी के कारण नागभीड तहसील की बोकडो नदी में गुरूवार को बाढ आयी है. पुल पर दो से तीन फुट पानी बह रहा है. परिणाम स्वरूप नागभीड़ तहसील के वाढोणा_ सावरगांव मार्ग पूर्णत: बंद हो गया है और अनेक किसानों की खेती पानी में डूब गई है. किसानों का भारी नुकसान हुआ है.

    तहसील के वाढोणा-सावरगांव मार्ग पर बोकडो नदी बहती है. वाढोणा वासियों के लिए सावरगांव एकमात्र करीब का मार्ग है. सावरगांव से राष्ट्रीय महामार्ग पर कही से भी यात्रा की जा सकती है. मात्र आज हफ्ते भर से हो रही बारिश और पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण नदी में बाढ आ गई है. इसके कारण वाढोणा- सावरगांव मार्ग पूर्णत: बंद कर दिया गया है. 

    विधवा महिला का मकान धराशायी

    ब्रम्हपुरी (सं) ब्रम्हपुरी में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पर इसका काफी असर हुआ है. जहां तहां परिसर जलमग्न हो गया है. नदी_ नाले उफान पर बह रहे है. रोड पर घुटनों तक पानी नजर आ रहा है. 

    शहर की नई बसी कालोनियों में बाढ का काफी असर हुआ है. निरंतर बारिश के कारण स्लैब के मकान तक गल रहे है. ब्रम्हपुरी से दो किमी दूरी पर स्थित खेड में मंगलवार की रात साढे ग्यारह बजे घर के सभी सोये हुए थे उस समय विधवा महिला मनीषा मोहुर्ले का घर गिर गया. सौभाग्य से किसी तरह की कोई जीवहानि नहीं हुई. सभी थोडे ही समय पूर्व उठ जाने से बाल बाल बच गए. महिला का काफी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है.