वन विभाग बफर से आने वाले बाघों को रोके- ऊर्जामंत्री नितीन राऊत

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    • सुरक्षा उपाययोजना करने के लिए जिलाधिकारी के अध्यक्षता में समन्वय समिति

    चंद्रपुर: राज्य के उर्जामंत्री डा. नितीन राऊत ने आज अपने चंद्रपुर दौरे में कहा कि बफर से बाघों का शहर की ओर आगमन हो रहा है। इस पर वनविभाग को गंभीरता से ध्यान देकर उपाययोजना करना चाहिए। उर्जानगर परिसर में बड़े पैमाने पर घास, झाडियां, कंटीली वनस्पति बढ गई है। इसके चलते वन्यप्राणियों को छिपने के लिए जगह मिल रही है अनेक वन्यप्राणी यह नजर आ रहे है। इसके चलते वन्यप्राणी यहां शिकार की तलाश में आरहे है। इसलिए यहां जंगली घास, झाडियां आदि नष्ट कर परिसर को स्वच्छ करने के निर्देश उन्होने दिए। हिराई विश्रामगृह उर्जानगर में सुरक्षा उपाययोजना की दृष्टि से वरिष्ठ वन अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में उन्होने यह निर्देश दिए।

    इस समय विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे-वर्मा, जिलाधिकारी अजय गुल्हाने, मुख्य अभियंता पंकज सपाटे, महावितरण के मुख्य अभियंता सुनील देशपांडे, मुख्य वनसंरक्षक एन. आर. प्रवीण, ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प के क्षेत्र संचालक जितेंद्र रामगांवकर, पुलिस अधीक्षक अरविंद सालवे, संचालक प्रशांत खाडे, महापारेषण के अधीक्षक अभियंता एन. वी. किरोलीकर, सुहास जाधव, इको प्रो अध्यक्ष बंडू धोतरे, वनविभाग के साथ ही उर्जानिर्मिति के अधिकारी प्रमुखता से उपस्थित थे।

    राऊत ने कहा कि चंद्रपुर जिले में जंगल का परिसर दिनों कम हो रहा है नागरिकों का परिसर बढ रहा है। यहां उद्योग भी है इसके चलते बाघों का यहां प्रवेश आसन हो गया है इसलिए वन्यप्राणी बफर क्षेत्र पार कर इस परिसर में ना इसका ध्यान रखना चाहिए। उर्जानगर परिसर में वन्य प्राणियों को खाद्य, पानी और छिपने का स्थान इसके लिए उन्हें यह क्षेत्र सुरक्षित नजर आरहा है। इसलिए वन्यप्राणी बफर क्षेत्र क्रास कर इस परिसर में प्रवेश कर रहे है। इसलिए वनविभाग संभव हो तो बाघों को कॉलर आईडी लगाये अन्य राज्य के साथ ही बाधवगढ, रणथंबोर, पेंच इन बाघ परियोजना परिसर में क्या उपाययोजना की जाती इसकी जानकारी वनविभाग ले।

    उर्जानगर परिसर में जंगली घास, साथ ही बाभूल वनस्पति काफी बड़े पैमाने पर है इसके लिए वन्यप्राणियों को छिपना सुविधाजनक हो रहा है। इसलिए खुली जगहों पर झाडियां बढे नहीं इसके लिए उपाययोजना करें, उर्जानिर्मिति ने वन्यप्राणियों पर अंकुश लगाने के लिए वनविभाग पर निर्भर ना रहते हुए अलग से विभाग तैयार करें इसलिए अतिरिक्त मानवसंसाधनों की मांग करें। सुरक्षा उपाययोजना करने के लिए चंद्रपुर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय समिति गठित करें। प्रति 3 माह में इस समिति के माध्यम से समीक्षा की जाए।

    उर्जामंत्री डा। राऊत ने कहा कि जिले में बाघों की संख्या तेजी से बढ रही है। इसलिए वनविभाग इन बाघों को ट्रैप करने के लिए कैमरे लगाये, रैपिड रिस्पांन्स टीम तैयार करें, वन्यप्राणियों का चिकित्सक नियुक्त करें, वन्यप्राणियों पर औषधि परिपूर्ण होनी चाहिए, उर्जानगर प्लांट कालोनी के कचरा उठाने की पध्दति किस प्रकार है इस बारे में उन्होने जानकारी ली। मांस बाघ का महत्वपूर्ण खाद्य है। मांस की बदबू आने पर ही वह इस आता है इसलिए मांस का उचित प्रकार से बंदोबस्त होना जरूरी है। मांस विक्री की दूकानें परिसर से दूर हो, इसका वेस्टेज उचित स्थान पर डाला जाता है इसका ध्यान रखे।

    इंडस्ट्रीज परिसर में सिक्युरिटी टॉवर स्थापित करें, जिसके चलते वन्यप्राणी साथ ही मानव के गतिविधियों पर देखरेख करना संभव होगा। उर्जानिर्मिति के कर्मचारियों के आवागमन के लिए चौपहिया वाहन उपलब्ध कराये, वाहन उपलब्ध ना हो तो इस संबंध का प्रस्ताव भेजे इसके लिए निधि उपलब्ध करके दिया जाएगा। बिजली केन्द्र परिसर में सुरक्षा दीवार का निर्माण शीघ्र करें। दीवार पर अच्छे दर्जे का कंटीली बाड लगाये। वनविभाग द्वारा सूझाये गए रास्तों का निर्माणकार्य एव परिसर की स्वचछता रखे। ऐसे निर्देश डा. राऊत ने दिए।

    इस समय राऊत ने इंडस्ट्रीज परिसर में कितने सिक्युरिटी टॉवर लगाये है इसकी जानकारी हासिल की और उर्जानगर  परिसर के घटनास्थल का दौरा किया।