vijay Wadettivar

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    • स्व. डिडोलकर का जिले से कोई संबंध नहीं

    चंद्रपुर. गडचिरोली स्थित गोंडवाना विश्वविद्यालय के सभागार को सिनेट मंडल की ओर से स्व. दत्ता डिडोलकर का नाम देने का पस्ताव हाल ही में पारित किया गया. यह निर्णय साफ तौर पर आदिवासी समाज के महान महापुरूषों का अपमान करनेवाला है इसलिए आदिवासी समाज सहित जिले के नागरिकों की भावना आहत हुई है. आदिवासी संस्कृति का जतन करने के बजाय उसके नष्ट करने का प्रयास करने से जनाक्रोश का समाना करना पड सकता है.इसलिए सिनेट मंडल द्वारा लिया गया प्रस्ताव तत्काल रद्द करे अन्यथा तीव्र आंदोलन छेडा जाएगा. ऐसा इशारा विधायक विजय वडेट्टीवार ने गोंडवाना विवि के कुलगुरू को दिए गए पत्र में दिया है.

    कुलगुरू को भेजे गए पत्र अनुसार गोंडवाना विवि के नामकरण के समय गडचिरोली जिले के आदिवासी समाज की संख्या, उनके समाज के महान शहीदों के जन्म, कर्मभूमि के लिए बलिदान साथ ही जिले को मिली परचान एवं संस्कृति को मद्देनजर रखते हुए गोंडवाना विश्वविद्यालय नामकरण किया गया.

    आदिवासी संस्कृति से जिले को मिली पहचान साथ ही आदिवासी समाज के महान शहीद क्रांतिवीर बाबुराव पुल्लेश्वर शेडमाके, शहीद बिरसा मुंडा द्वारा अपनी जान की बाजी लगाकर आजादी के पूर्व अंग्रेजों के खिलाफ की गई जंग और उनके बलिदान को दरकिनार कर गोंडवाना विवि के सिनेट मंडल ने 17 जनवरी 2023 को जिले के सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, खेल, कृषि आदि में से किसी भी गतिविधियों  से कोसा दूर तक संबंध नहीं रखनेवाले साथ जिले की मिट्टी से जिनका कोई संबंध नहीं ऐसे स्व. दत्ता डिडोलकर का नाम गोंडवाना विवि के सभागार को देने का प्रस्ताव पारित किया है. 

    यह प्रस्ताव आदिवासी संस्कृति का जतन करने के बजाय आदिवासी समाज की भावना आहत करनेवाला और आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने का षडयंत्र है. स्व. डिडोलकर के नमा का पारित किया गया प्रस्ताव आगे सिनेट बैठक में कायम ना करते हुए इसे रद्द कर विवि के सभागार को आदिवासी समाज के महान शहीद का नाम दें अन्यथा तीव्र आंदोलन छेडा जाएगा ऐसा इशारा विधायक विजय वउेट्टीवार ने गोंडवाना विवि के कुलगुरू को दिया है.