मराठा समाज के ओबीसीकरण खिलाफ ओबीसी का महामोर्चा, कई सर्वदलीय दिग्गज हुए सम्मिलित

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चंद्रपुर. मराठा समाज को ओबीसी में शामिल करने के सरकार के कथित प्रयासों के खिलाफ यहां ओबीसी समाज ने महामोर्चा निकालकर अपने विरोध प्रदर्शन का आगाज कर दिया. इस महामोर्चा में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं तथा मान्यवरों ने उपस्थिति दर्शाकर सरकार को आगाह करने का प्रयास किया.

मोर्चा इतना विशाल रहा कि, मोर्चा का पहला सिरा जटपुरा गेट पर तो अंतिम सिरा गांधी चौक में था. मोर्चा के कारण पुलिस प्रशासन ने मुख्य मार्ग की यातायात को सुबह से ही रोक दी थी, इस यातायात को अन्य रास्तों से डायवर्ट करने में पुलिस प्रशासन को बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी. बरसों बाद चंद्रपुर शहर ने रविवार को इतने विशाल मोर्चे का अनुभव किया.

मोर्चे में सम्मिलित होने वालों में कांग्रेस, भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, रिपब्लिकन पार्टी आदि पार्टी से संबंधित नेता, कार्यकर्ताओं का समावेश रहा. राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ तथा ओबीसी समाज के विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में निकले इस विशाल महामोर्चा की रविवार को सर्वत्र गूंज रही. इस मोर्चे में केवल चंद्रपुर ही नहीं बल्कि समीपवर्ती यवतमाल, गड़चिरोली, वर्धा आदि जिलों से भी हजारों की तादाद में ओबीसी समाज से जुड़े नागरिक सम्मिलित हुए थे.

इस मोर्चा में राज्य के विपक्षी नेता विजय वडेटटीवार, पूर्व मंत्री परिणय फुके, विधायक अभिजीत वंजारी, विधायक किशोर जोरगेवार, विधायक प्रतिभा धानोरकर, डॉ अशोक जीवतोड़े, पूर्व विधायक देवराव भांडेकर, आशीष देशमुख, सुदर्शन निमकर, ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय सचिव सचिन राजुरकर, एड. पुरुषोत्तम सातपुते, एड. विजय मोगरे, दिनेश चोखारे, सूर्यकांत खनके, डॉ संजय घाटे, डॉ दिलीप कांबले, विलास माथनकर, श्याम लेडे, कुसुम उदार, अनिल डहाके, कुणाल चहारे, गणेश आवारी, मनीषा बोबडे, गोमती पाचभाई, अनिल शिंदे, प्रेमा जोगी, अक्षय येरगुडे, हितेश लोडे, नंदू नागरकर, पप्पू देशमुख, देवराव भोंगले, सतीश वारजुकर, संध्या गुरनुले, रविन्द्र शिंदे, राजेन्द्र वैद्य, रमेश राजुरकर, अनिल धानोरकर, संदीप गिर्हे, नितिन भटारकर, संदीप आवारी, महेंद्र ब्राम्हनवाड़े, सलिल देशमुख, किशोर टोंगे, प्रवीण खोबरागड़े, नीलेश बेलखेड़े, एड. दत्ता हजारे, डॉ. महाकुलकर, पीयूष मेश्राम, प्रमोद बोरिकर, कृष्ना मसराम, विजय पिदुरकर, ऋषभ राउत, रंजित डवरे आदि का प्रमुखता से समावेश था.

जालना में हाल ही में हुए मराठा समाज के नेता मनोज जरांगे द्वारा मराठा समाज को समग्र रूप से ओबीसी समाज मे शामिल करने की मांग सरकार से की हैं,  इस मांग का यहां ओबीसी समाज द्वारा विशाल महामोर्चा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया.

मोर्चा के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिश के माध्यम से राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मराठा समाज को ओबीसी में शामिल नहीं करने, उन्हें ओबीसी के प्रमाणपत्र बहाल नहीं करने, बिहार की तर्ज पर महाराष्ट्र में जातिगत जनगणना करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करने, आरक्षण के लिए तय की गई 50 प्रतिशत की सीमारेखा रद्द करने जैसी मांगे शामिल है.