गुलाब चक्रवात से बिजली व्यवस्था पर पड़ा असर, बिजली व्यवस्था बहाल करने में जुटा महावितरण

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    चंद्रपुर. सोमवार की देर रात आये गुलाब चक्रवात का जिले में कोई खास जोरदार असर नहीं हुआ परंतु आधी रात को कई स्थानों पर पेड़ धराशायी होने और बिजली की तारें टूट जाने पर आधी रात को बिजली कर्मियों ने अपनी डयूटी निभाते हुए बिजली व्यवस्था को बहाल करने में कोई कमी नहीं रखी. रात में अधिकांश लोग गहरी नींद में थे उन्हें अहसास भी नहीं हुआ कि तूफान कब आया और कैसे चला गया. 

    महावितरण के अनुसार चंद्रपुर परिमंडल के गडचिरोली मंडल में आलापल्ली, सिंरोचा, चामोर्शी, कोरची क्षेत्र के वन क्षेत्र साथ ही गांव के समीपस्थ क्षेत्र में बिजली लाईनों पर पेड़, शाखाएं टूटकर गिरने से पीन एवं डिस्क इंसुलेटर फटने के कारण, जंपर टूटने के कारण साथ ही अन्य कारों से बिजली व्यवस्था खंडित हुई.

    चंद्रपुर मंडल में कोठारी, बामणी, सास्ती, दरूर, आर्वी, कोरपना, वनसडी, बेंबाल, कुडेसावली, लाठी, कवठाला, घाटकुल, वरवट, ताडाली, एमआईडीसी 3, वाघनख्, भटाला, चारगांव, वडगांव, जनाला, एनटीपीसी 2 सोनेगांव, म्हाडा, सातगांव, जुनसुर्ला, सुबई, घुटकाला, विकासनगर, पांढरकवडा, गोंडपिपरी, व्याहाड, चिचपल्ली, एमआईडीसी, पार्डी, ताडाली, नागरी ऐसे कुल 39 विद्युत लाईनों पर पेड़ या पेड़ों की शाखाएं टूटकर गिरने से, पीन एवं डिस्क इंसुलेटर फटने से, जंपर टूटने से बिजली व्यवस्था खंडित हुई.

    आधी रात को आयी इस आसमानी आफत में भी महावितरण के अभियंता और तकनीकी कर्मचारी रात भर काम में लगे हुए थे. टार्ज की रोशनी बिगाड को खोजकर उसे दूर करने का प्रयास किया गया. लगभग 4 से 5 घंटे तक गड़बडियों को ढूंढकर इसे दुरूस्त किया गया. विद्युत लाईन पर दुरूस्ति के काम में काफी समय लगा. 

    जब बिजली की आपूर्ति काट दी जाती है, बिजली कर्मी बिजली की मरम्मत शुरू कर देते हैं, तेज़ बारिश में काम करने वाले महावितरण कंपनी के कर्मचारी कभी-कभी बहुत कठिन परिस्थितियों में भी बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए दौड़ पड़ते हैं. कभी गर्मी में, कभी बरसात के मौसम में, कभी बाढ़ के पानी में तो कभी दूर-दराज के जंगलों में जंगली जानवरों के रहते हुए भी इनका काम बदस्तूर जारी रहता है.

    हालांकि, कई बार एक क्षेत्र की बिजली आपूर्ति काट दी जाती है लेकिन एमएसईडीसीएल द्वारा बैकफिलिंग जैसी सुविधाओं की उपलब्धता के कारण क्षेत्र से अस्थायी बिजली की आपूर्ति दूर हो जाती है और प्रभावित क्षेत्र प्रभावित नहीं होता है.लेकिन मरम्मत करनी होती. दोषपूर्ण प्रणाली की मरम्मत की जाती है और बिजली की आपूर्ति प्राथमिक स्रोत को बहाल कर दी जाती है.

    भारी बारिश और चक्रवात के बीच एमएसईडीसीएल, कार्यपालक, उप कार्यपालक, शाखा इंजीनियर और वरिष्ठ तकनीशियन, तकनीशियन, बिजली लाइन कर्मचारी और सभी संबंधित कर्मचारियों ने ड्यूटी निभाते हुए बिजली आपूर्ति बहाल की और दिन भर बिजली कटौती की सैकड़ों व्यक्तिगत शिकायतों का समाधान किया.

     उपकार्यकारी अधिकारी सी. यु. सडमेक, सचिन काले, एम. मेश्राम, वसंत हेडाऊ, फिरोज कनोजे, मानकर, सहा. अभि. देशपांडे, विचूलकर, मिथुन मेश्राम, प्रतीक कुहीटे, व कर्मचारी गेडाम, वैद्य, सिंग, गायकवाड, वाघमारे, चिवंडे, जिवतोडे, लोणारे, शिंदे, रायपूरे,कामातवार, दहागांवकर, शेंडे, येनपल्लीवर, सोनटक्के, मडावी, जाडे, डोले, जुनघरे खाडिलकर आदि कर्मचारी इस काम में जुटे हुए थे.