राजुरा: गत चार दिनों से बारिश ने कहर बरपा रखा है. इससे किसान संकट में आ गए है. खेतों में खडी फसल का बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है. इससे किसानों पर वित्तीय संकट आ गया है.आज रविवार की दोपहर तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के कारण धानोरा, कविटपेठ खेत परिसर में मिर्च की फसल का काफी नुकसान हुआ है.
वर्धा नदी में मानसून के समय पांच बार आयी बाढ के कारण खरीफ फसल पूरी तरह से डूब गई थ. इसके कारण परिसर का किसान पहले काफी वित्तीय संकट में घिरा हुआ है. मानसून जाने के बाद किसान ने कर्ज लेकर रबी की फसल ली ताकि खरीफ का जो भी नुकसान हुआ है उसकी पूर्ति हो सके. इसमें मिर्च, गेंहू, चना, ज्वारी की फसल ली गई.
परिसर में अधिकांश किसानों ने मिर्च की फसल ली है. मिर्च फसल के उत्पन्न से किसानों को राहत मिलनेवाली थी. मात्र बेमौसम बारिश और आंधी के साथ ओलावृष्टि ने मिर्च के पौधे जमींदोज हो गए और मिर्च भी नीचे गिरने से सड गई. इससे किसानों के समक्ष नया संकट निर्माण हो गया है. अन्नदाता किसान प्रकृति के कोप का शिकार हो रहा है. ऐसे परिस्थिति में शासन गंभीर दखल लेकर तत्काल आर्थिक सहकार्य करने की मांग की जा रही है.
बाढ की वजह से खरीफ का भारी नुकसान हुआ था. इसके बाद कर्ज लेकर मिर्च की फसल ली थी. मात्र आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने मिर्च का भी काफी नुकसान किया है. फिर से कर्ज का बोझ चढ गया है.
सुनील बोबाटे (किसान)