तहसीलदार के छापे में हाईटेक रेत तस्करी का खुलासा, छापे के दौरान 1,01 करोड का माल जब्त

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    • एसडीपीओ के आदेश पर एक टीम यवतमाल जिला रवाना

    वरोरा. शहर से सटकर बहने वाली जीवनदायी वर्धा नदी के करंजी घाट से हाईटेक तरीके से रेत तस्करी किए जाने का खुलासा तहसीलदार रोशन मकवाने की अगुवाई में मारे छापे में हुआ है. इस छापे के दौरान टीम ने 1.01 करोड रुपए माल जब्त कर लिया था. किंतु पडोसी  जिले के रेत तस्कर जब्त पोकलैन मशीन और 4 बोट को लेकर भागने में सफल हो गए. वरोरा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला पंजीबध्द कर आरोपियों की तलाश के एक टीम गठित कर यवतमाल रवाना की है.

    पोकलैन और बोट समेत भागे आरोपी

    2 मई की शाम तहसीलदार को गुप्त सूचना मिली थी कि करंजी घाट से रेत की तस्करी हो रही है. इस सूचना के आधार पर शाम 7.15 से 8.15 बजे तहसीलदार रोशन मकवाने ने मंडल अधिकारी रविंद्र गेडाम, पटवारी सोयाम, उगलमुले और अपनी टीम के साथ करंजी घाट पर पहुंची और वहां पर रेत तस्करी में जुटे यवतमाल जिले के रासागुंसा निवासी संजय सपाट, यवतमाल निवासी प्रवीण महाजन,  सुरेश ढाले,  हिवरा निवासी सचिन दरणे के साथ अन्य 7 लोगों को वर्धा नदी के करंजी रेत घाट से रेत उत्खनन करते पाया.

    मौके पर पहुंची तहसीलदार ने जांच कर उनसे पूछा तो आरोपियों ने बताया कि यह रेत घाट उन्होंने नीलामी में लिया है. किंतु तहसीलदार ने कहा कि करंजी रेत घाट वरोरा तहसील जिला चंद्रपुर अंतर्गत आता है और इस वर्ष इसकी नीलामी नहीं हुई है. यह सुनकर आरोपियों ने कहा कि पोकलैन मशीन और बोट हमारे मालिक की है इसलिए बिना कार्रवाई के छोड देने की विनंती की. किंतु तहसीलदार की टीम ने जब्ती की कार्रवाई शुरु की और वाहन को जब्त कर तहसील कार्यालय ले जाने की तैयारी की.

    इस दौरान आरोपियों ने राजस्व विभाग दल के साथ धक्का मुक्की की और जबरन 40 लाख की पोकलैन मशीन, को लेकर वहां से भाग निकले. इसके कुछ देर बाद ही अन्य आरोपी भी 1 लाख कीमत की 4 बोट को लेकर वहां से भागने में सफल हो गए. इसकी वजह से टीम खाली हाथ लौट आई और मंडल अधिकारी रविंद्र गेडाम ने वरोरा थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी. इस आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पैदा करने और जबरन वाहन ले जाने की धाराओं के तहत मामला पंजीबध्द किया है.

    बोट की सहायता से शक कर ढेर लगाते रेत

    इस छापे के दौरान तहसीलदार ने देखा कि रेत तस्करी के लिए बोट का प्रयोग किया जा रहा है. बोट में वाहन का इंजन लगाया गया है. इंजन की सहायता से एक पाइप जोडा जाता है और पाइप में एक फुटबाल लगा है. जो नदी के बीच से कई फुट की गहराई से रेत को  शक कर किनारे पर ढेर लगा देता है. ढेर लगाये रेत को पोकलैन मशीन की सहायता से ट्रकों में भरकर गंतव्य स्थान पर पहुंचाया जाता है. आज करंजी घाट पर इस प्रकार की चार बोट लगी थी. घाट के पंचनामा में पाया कि वहां से 60 लाख रुपए कीमत की 2000 ब्रास रेत उत्खनन कर तस्कर ले गए है. 

    एसडीपीओ आयुष नोपानी  ने गठित की टीम

    पडोसी जिले के रेत तस्करों द्वारा जिले में रेत तस्करी की सूचना के आधार पर थानेदार दीपक खोब्रागडे ने तुरंत मामला दर्ज कर इसकी सूचना एसडीपीओ आयुष नोपानी   को दी. सूचना मिलते ही एसडीपीओ ने एक टीम गठित कर उसे यवतमाल जिले में रेत तस्कर और जो माल आरोपी लेकर फरार हो गए उन्हे जब्त करने के रवाना किया है. जल्द ही आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे. मामले की जांच एसडीपीओ के मार्गदर्शन में वरोरा पुलिस कर रही है.