Bribe, Maharashtra
महाराष्ट्र में रिश्वत

High voltage drama , overnight in Rajura, accused , bribery attempted suicide , jumping into the pond,

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    चंद्रपुर. राजुरा एसडीपीओ कार्यालय के दो पुलिस कर्मचारियों को 50,000 रुपए की रिश्वत लेते एसीबी नागपुर की टीम ने रंगे हाथों पकडा और नियमानुसार मामला दर्ज करने की कार्रवाई के दौरान आरोपी पुलिस कर्मी राजेश त्रिलोकवार ने थाने से भागकर नप के सामने स्थित तालाब में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया. किंतु तालाब में पानी कम होने से वह असफल रहा. रात 10 बजे की घटना के बाद खलबली मच गई. अंतत: आरोपी को तालाब से बाहर निकालकर आज 4.45 बजे आत्महत्या के प्रयास का दूसरा मामला दर्ज किया है.

    इस घटना में रिश्वत प्रतिबंधक अधिकारी और उनकी टीम को काफी मशक्कत करनी पडी. इसलिए अब तक एसीबी की ओर से दी जाने वाली प्रेसनोट नही दी गई है. साथ ही संबंधित अधिकारी जानकारी देने से कतरा रहे है जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये जा रहे है.

    29 अप्रैल की दोपहर एसीबी नागपुर की टीम ने एक शराब विक्रेता की शिकायत के आधार पर राजुरा एसडीपीओ कार्यालय के रायटर राजेश त्रिलोकवार और वाहन चालक सुधांशू मडावी को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी के दुपहिया से 2.60 लाख की नगदी जब्त की. इसकी शिकायत राजुरा थाने में दर्ज करने की कार्रवाई शुरु थी. रात 10 बजे पेशाब के बहाने राजेश त्रिलोकवार बाहर निकला और अकेले होने से दौडकर तालाब में छलांग लगा दी. तालाब उथला होने की वजह से वह तैरकर बीच में गाया.

    इसकी सूचना मिलते थाने में पहुंचते ही एसीबी ओर पुलिस अधिकारी, कर्मचारी तालाब की ओर दौड़े. वांढरे नामक युवक और एक पुलिस कर्मचारी तैरकर उसके पास पहुंचे और समझाकर बाहर निकालने का प्रयास किया. किंतु वह बाहर आने को तैयार नहीं था. त्रिलोकवार परिवार मौके पहुंचा और उसकी छोटी पुत्री पापा कहकर जोर से आवाज दी तो आरोपी पुलिस कर्मी का मन बदला और वह बाहर निकला. रात 11 बजे शहर के सैकडों लोग तालाब के पास जमा हो गए थे.

    देर रात तक एसीबी की कार्रवाई शुरु थी. किंतु मीडिया को प्रेसनोट देने अथवा एसीबी की महिला उपविभागीय अधिकारी चाफले ने मिलने से इंकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि इस दौरन आरोपी से पुलिस और उनके मित्र, अधिकारी बातचीत कर सलाह देते दिखाई दिए है. रिश्वत लेते पकडे जाने के बाद पुलिस की दुपहिया से 2.60 लाख रुपए नगदी मिले है. इससे एसडीपीओ की ओर उंगली उठ रही है. इतनी बडी राशि यह लोग स्वयं जमा कर रहे थे? इसकी विस्तार से जांच आवश्यक है अब नागपुर एसीबी क्या कार्रवाई करती है इस ओर निगाहें लगी है.