बिजली चोरी रोकने महावितरण ने शुरु की अंडरग्राऊंड केबलिंग, 3 महीने में 131 करोड़ की बिजली चोरी उजागर

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    चंद्रपुर. बिजली चोरी के कारण नियमित बिजली बिल का भुगतान करने वाले ईमानदार बिजली उपभोक्ता बिजली दरों में वृद्धि के बोझ से दबे हैं. ऐसे ईमानदार और नियमित बिजली बिलों का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना आवश्यक है, इसलिए महावितरण ने बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की  है.

    इसके अनुसार  महावितरण की छापा मार टीमों ने अप्रैल से जून-2022 तक तीन महीने की अवधि के दौरान 131. 50 करोड़ की बिजली चोरी के 2,625 मामलों का खुलासा किया है. महावितरण के अध्यक्ष अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक विजय सिंघल ने 10 नई टीम गठित करने के निर्देश दिए है. साथ ही अब बिजली विभाग ने बिजली चोरी रोकने के लिए अंडरगाऊंड केबलिंग शुरु कर दी है.

    महावितरण के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक विजय सिंघल ने सुरक्षा और क्रियान्वयन विभाग की समीक्षा की. इस अवसर पर सिंघल ने कह कि महावितरण की आर्थिक स्थिति सुधारने के सभी प्रयास किए जा रहे है इसके एक हिस्से के रुप में बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई शुरु की है. बैठक में सुरक्षा व क्रियान्वयन विभाग के कार्यकारी संचालक (प्रभारी) कमांडर (सेवानिवृत्त) शिवाजी इंदलकर के साथ सुरक्षा व क्रियान्वयन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे. 

    विशेष रुप से ग्रामीण परिसर में खुले तारों में हुक डालकर बिजली चोरी की जाती है. इसकी वजह से महाविरतण का भारी नुकसान होता है. इसकी रोकथाम के लिए अब महावितरण ने भूमिगत केबल बिछाने का काम शुरु कर दिया. इसके लिए पूरी तरह से फुल इन्शुलेटेड केबलों का उपयोग किया जा रहा है जो एक खंभे से दूसरे खंभे को कनेक्शन पहुंचाएगा. इस प्रकार दो खंभों के बीच में खुला केबल नहीं होगा जिससे बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लग सकेगा ऐसा विश्वास महावितरण का है.