लोगों की जान जाने से पहले वन्यजीवों का बंदोबस्त करे, सांसद, विधायक धानोरकर दंपत्ति की वन अधिकारीयों से समीक्षा बैठक

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    • पिछले 10-11 महीनों में लगभग 39 लोगों की मौत 

    चंद्रपुर. जिले में आए दिन मानव वन्य जीवों का संघर्ष चल रहा है. पिछले 10-11 महीनों में करीब 39 लोगों को बाघ और तेंदुओं ने मार डाला है. यह मामला गंभीर है. शिकार के बाद उस प्राणि को पकडा जाता है. सांसद बालू धानोरकर और विधायक प्रतिभा  धानोरकर ने शिकार बनने से पहले बाघों या तेंदुओं को पकड़ने के उपाय करने की सूचना की है.  

    इस बैठक में सांसद बालू धानोरकर, विधायक प्रतिभा धानोरकर, भद्रावती नगर पालिका के नगराध्यक्ष अनिल धानोरकर, ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व उप निदेशक पाठक, मंडल वन अधिकारी चंद्रपुर खाड़े, वन परिक्षेत्र अधिकारी शेंडे, माधव जीवतोड़े, शंकर भरडे उपस्थित थे.

    ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या तो बढ़ी ही है साथ ही इंसानों और पालतू जानवरों पर भी हमले बढ़ रहे हैं. वन विभाग इन हमलों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. सांसद बालू धानोरकर व विधायक प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि जंगल में हमले होते हैं तो वन विभाग जिम्मेदार नहीं है, लेकिन गांवों और मानव बस्तियों में आतंक है, इसका स्थाई समाधान निकालने की जरूरत है.

    वेकोली चंद्रपुर क्षेत्र, पद्मपुर, दुर्गापुर, भटाली के साथ-साथ वेकोली के माजरी क्षेत्र में ढोरवासा, तेलवासा, नवीन कुनाडा, जूना कुनाडा और माजरी के साथ-साथ नागलोन, एकोना की बंद खदानों में बाघों की मुक्त भ्रमण है. इससे हजारों वेकोली श्रमिकों का जीवन खतरे में है, बड़ी संख्या में घरेलू पशुओं का शिकार किया जा रहा है और पिछले 10-11 महीनों में लगभग 39 लोग बाघ और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों द्वारा मारे गए हैं. हालांकि सांसद बालू धानोरकर ने इस दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि यह खेद का विषय है कि सरकार बाघों और तेंदुओं की देखभाल कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को समाप्त करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है.

    साथ ही बाघों के प्रबंधन का अधिकार वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों से हटाकर जिला प्रशासन व जिला स्तरीय वन विभाग को तत्काल दिया जाए, ताकि जैव विविधता में मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचा जा सके, ग्राम सभाओं के माध्यम से विकास योजना तैयार कर उसे समृद्ध बनाया जा सके.

    विकासशील देशों की तरह जैव विविधता, ग्राम सभाओं के माध्यम से पारंपरिक तरीकों से लोगों से वन्यजीवों की रक्षा करना, वन अधिकार कानून की पारंपरिक पद्धति के माध्यम से लोगों से वन्यजीवों की रक्षा करना, वनहक्क कानून का कार्यान्वयन करना, वन अधिकार अधिनियम के तहत वन पर लोगों के अधिकारों को बरकरार रखते हुए बाघों की आबादी को नियंत्रित करने वाली वन्यजीव प्रजातियों का संवर्धन करना, बाघों पर नियंत्रण केरने के लिए अध्ययन प्रशिक्षण और कार्य योजना, प्राकृतिक वन्यजीव गलियारों को बनाए रखने की सूचना सांसद बालू धानोरकर व विधायक प्रतिभा धानोरकर ने वन अधिकारियों को की है. इस मौके पर वन अधिकारियों ने इनमें से अधिकांश समस्याओं का तत्काल समाधान करने का आश्वासन दिया है.