डेढ वर्ष बाद धूमधाम से मनी दीपावली, गरीबों के घरों में सजे दीये

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    • संभ्रांत परिवारों में रहा आतिशबाजी का नजारा

    चंद्रपुर. रोशनी और खुशियों का पर्व दीपावली गुरूवार को उत्साह के साथ मनाया गया. शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों और प्रतिष्ठानों में विघ्न विनाशक भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर की विधि-विधान से पूजा की वहीं घरों पर सदस्यों ने दीये जलाए और मिष्ठान वितरित किया.

    जिले में जहां एक ओर गरीब परिवारों में आर्थिक विवशता के मद्देनजर दीपावली का उत्साह कुछ कम ही नजर आया वहीं संभ्रांत परिवारों के लिए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीपावली का उत्साह द्विगुणित दिखाई दिया.  कोरोना का खौफ पूरी तरह से छू मंतर दिखाई दिया. लोगों ने बेखौफ होकर इस पर्व की खुशियां मनाई और एक दूसरे को दिल खोलकर बधाईयां और शुभकामनाएं दी.

    लोगों में दिखा उत्साह

    प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर लोग कई दिन से तैयारी कर रहे थे. गुरूवार सुबह से व्यक्तियों में खूब उत्साह दिखा. सुबह घरों की साफ-सफाई के बाद व्यक्तियों ने बाजार का रुख किया. किसी ने पूजन का सामान खरीदा तो किसी ने लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति. साथ में लाई-मिठाई, फूल, दीये की भी खरीदारी की.

    घरों में महिलाओं ने सुबह पकोड़ी, मीठी रोटी, खिचड़ी आदि पकवान बनाए. शाम को घर के बड़े-बुजुर्गों ने घरों और प्रतिष्ठानों में मुहूर्त के अनुसार पूजा की. घरों, प्रतिष्ठानों के अलावा मंदिरों में सुबह फूल की लड़ियां जबकि शाम को विद्युत झालरों से सजावट की गई. घरों-प्रतिष्ठानों में भी रंगोली बनाने के साथ दीप जलाए गए. इसके साथ ही परिचितों से मिलकर व  सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूजे को बधाई देते नजर आए.

    देर रात तक बाजारों में रही भीड़

    जिले में दीपावली पर्व पर शहरों के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और घरों को विद्युत झालरों और दीयों की रोशनी से सजाया गया था. शहर में आतिशबाजी का नजारा पूरे डेढ वर्ष बाद नजर आया.  पिछले वर्ष कोरोना और प्रदूषण के कारण लोगों ने आतिशबाजी से काफी परहेज किया था. परंतु इस बार कोरोना पूरी तरह से समाप्त होने का मानकर लोगों ने बेपरवाह होकर आतिशबाजी का मजा लिया.  अत्यंत गरीब लोगों ने परम्परागत तरीकों से मिट्टी के दीए जलाकर दीपावली मनाई.

    शहर में गरीब और सामान्य वर्गों की बस्ती में मात्र आधे घंटे तक आतिशबाजी हुई.वहीं साभ्रांत परिवारों की कालोनियों, अपार्टमेटों में आतिशबाजी खुलकर हुई. पाबंदियों के बाद भी जोरदार आवाज करनेवाले पटाखे फोड़े गए और जिसकी गूंज देर रात 12 बजे तक जारी रहीं. इन क्षेत्रों में लोगों ने विद्युत झालरों और देशी फूल मालाओं से अपने घरों को काफी सुंदर तरीके से सजाया हुआ था.

    बाजारों में देर शाम तक लोगों की चहल-पहल देखने को मिली. शहर के गोलबाजार, गांधी चौक, म.गांधी रोड, कस्तूरबा रेाड, पटाखा बाजारों में खरीददारों की भीड़ देर रात तक रही. भीड़ के चेहरों से मास्क पूरी तरह से गायब ही नजर आ रहा था.

    बच्चें रहे काफी उत्साहित

    पर्व के मद्देनजर जितना उत्साह युवा और महिला वर्ग में रहा उससे कई गुना उत्साह बच्चों में देखने को मिल रहा था. अपने अभिभावकों के साथ बच्चे पटाखों की दुकानों में अधिक नजर आये. शाम होते ही बच्चे पटाखे और फूलझड़ियां जलाकर दिवाली की खुशियां मनाते देखे गए. इस दौरान घर के बड़े लोग और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लोगों ने माता लक्ष्मी और गणेश भगवान का पूजन_अर्चना कर धन, दौलत और सुख समृध्दि के लिए मंगल कामना की.

    शहर के हर घर में मिट्टी के जलते दीयों से समूचा घर आंगन जगमगा उठा था. गणेश लक्ष्मी के शुभ मुहूर्त में पूजन अर्चन के बाद पूरे घर में दीये जलाये गए और धन की देवी लक्ष्मी की पूरे आस्था के ध्यान कर उन्हें अपने घर आने का आह्वान किया. दीपावली के दिन जहां बच्चों ने ढेर सारे पटाखें और फूलझडियां जलाकर खुशियां बांटी वही बड़े बुजुर्गो ने एक दूसरे को उपहार भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएं दी.