Sudhir Mungantiwar
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    चंद्रपुर: पिछले 30 जून को  महाराष्ट्र से शिवसेना- राकांपा- कांग्रेस के महाविकास आघाडी सरकार की विदाई हो होने और शिवसेना के शिंदे गुट और भाजपा गठबंधन में निर्मित महाआघाड़ी की सरकार सत्तासीन होने के बाद से पिछले एक माह से अधिक समय से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर निगाहें टिकी हुई थी. आज मंत्रिमंडल का विस्तार होकर नये मंत्रिमंडल में भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. ऐसे में जिले में विकास कार्यों को गति आने की संभावना बढ गई है.

    विदित हो कि तत्कालिन पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के कार्यकाल में जिले में कई महत्वाकांक्षी प्रकल्प शुरू किए गए थे. जिनकी गति महाविकास आघाडी सरकार के आने के बाद से धीमी पड गई थी. अब सुधीर मुनगंटीवार को कैबिनेट मंत्री बनाये जाने से इन प्रकल्पों के पूरा होने की पूरी संभावना है.

    निर्माणाधीन प्रकल्पों को मिलेगी गति

    राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार इस जिले के पालकमंत्री थे, उनके नेतृत्व में इस जिले में कई विकास कामों को उनके कार्यकाल में शुरू किया गया था, उनमें से कुछ काम पूर्ण हो चुके है, कुछ काम निर्माणाधीन अवस्था मे है जबकि कुछ काम मंजूर हुए है और वे पर्याप्त निधि की प्रतीक्षा कर रहे है.  कैबिनेट मंत्री बनने के बाद इस जिले के पालकमंत्री पद की कमान संभवतः फिर से सुधीर मुनगंटीवार  के हाथों सौंपे जाने की संभावना है ऐसे में जिले में निर्माणाधीन और मंजूर हुए विकास कार्यों को तेज गति की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है..

    कायाकल्प दृष्टिपथ में

    वर्ष 1995 से विधानसभा में जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे मुनगंटीवार उस वक्त चंद महीनों के लिए पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यरत थे. अल्प समयावधि के लिए मिले मंत्रिपद के चलते उस वक्त मुनगंटीवार को जिले में कुछ खास करने का मौका नहीं मिला था किंतु वर्ष 2014 में राज्य में जब फिरसे युति की सत्ता स्थापित हुई और मुनगंटीवार के पास राज्य के वित्त, नियोजन एवंम वन मंत्री के साथ ही जिले के पालकमंत्री पद की कमान प्राप्त हुई, उन्होंने जिले में विकासकामों के कई प्रकल्पों की शुरुआत की. हालांकि यह प्रकल्प शुरू करने के लिए उन्होंने भले ही चंद्रपुर, बल्लारपुर, मूल एवंम पोम्भूर्णा तहसीलों को ही सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी लेकिन दो, तीन वर्ष में ही उक्त तहसीलों में विकास कामों के चलते कायाकल्प दिखना शुरू हुआ था. 

    मेडिकल कॉलेज की इमारत का काम 50 प्रश

    चंद्रपुर, गडचिरोली, यवतमाल जिलों के साथ ही तेलंगाना राज्य के कुछ क्षेत्रों के मरीजों की सुविधा की दृष्टि से जिले में मंजूर मेडिकल कॉलेज यूं तो अस्थायी इमारत में शुरू हो चुका है किंतु इस महाविद्यालय के लिए नियोजित बायपास मार्ग की 100 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित नई इमारत अब भी अपूर्ण है. इसके लिए भाजपा_शिवसेना युति सरकार ने 600 करोड़ की घोषणा तो की थी. इसका लगभग 50 प्रश काम हो चुका है. यह अब चंद महीनों में पूरा हो सकता है.

    बॉटनिकल गार्डन निर्माणाधीन

    बल्लारपुर तहसील के विसापुर में निर्माणाधीन बॉटनिकल गार्डन फिलहाल निर्माणाधीन अवस्था मे है. वैश्विक दर्जे के इस प्रकल्प के कुछ काम पूर्ण हुए है कुछ प्रगति पर है. क्षेत्र के ग्रामीण लोग भले ही इस प्रकल्प को अनावश्यक और ग़ैरजरूरती मान रहे हो लेकिन इस गार्डन से जिले का महत्व निश्चित रूप से बढ़ने वाला है. 

    ताडोबा हुआ अधिक सुविधाजनक

    देश – विदेश के पर्यटकों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहा ताडोबा अभयारण्य पिछले कुछ वर्षों में अधिक सुविधाजनक हुआ है. ताडोबा के प्रवेशद्वार तक जाने वाली मुख्य सड़कों को मजबूत किया गया है. विभिन्न सुविधाओं के कारण ही ताडोबा में पर्यटकों की संख्या में प्रतिवर्ष निरंतर इजाफा हो रहा है. 

    अन्य बसस्थानकों का होगा शीघ्र निर्माण पूरा

    मुनगंटीवार के पालकमंत्री पद के कार्यकाल चंद्रपुर जिले के कुछ शहरों के बसस्थानकों का स्वरूप बदलने का काम शुरू हो गया है. बल्लारपुर शहर के बसस्थानक का काम पूर्ण होने के बाद अब यह बसस्थानक एयरपोर्ट की शक्ल ले चुका है. ऐसा ही काम चंद्रपुर, मूल जैसे बस स्थानकों काम भी शुरू है जो निर्माणाधीन है. इन कामों में अब तेजी आने की संभावना है.

    अत्याधुनिक इमारतों का जाल

    भाजपा-शिवसेना सरकार के कार्यकाल में जिले में सर्वत्र सरकारी विभागों की अत्याधुनिक एवंम आकर्षक इमारतों का जाल बिछाया गया है. चाहे वह नियोजन भवन हो या फिर जगह जगह साकार किये जा रहे क्रीड़ा संकुल हो या नाट्यगृह हो. चंद्रपुर में वन विश्रामगृह को बेहद आकर्षक और सुविधायुक्त बनाया गया है. जिले के पुलिस स्टेशनों की इमारतों को भी नया स्वरूप प्रदान किया गया है. आदिवासी छात्र, छात्राओं की इमारतों का भी नवीनीकरण हुआ है. चंद्रपुर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित सभीं इमारतों को ध्वस्त कर वहाँ 700 करोड़ की लागत से प्रशासनिक संकुल प्रस्तावित है. इस काम के लिए अब नए सरकार के कार्यकाल में कितना निधि प्राप्त होता है इस पर ही इस प्रस्ताव का भविष्य निर्धारित है.

    कैन्सर हॉस्पिटल के निर्माण पर कितना असर ?

    चंद्रपुर में सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग, जिला खनिज प्रतिष्ठान और टाटा ट्रस्ट की संयुक्त भागीदारी में 100 बिस्तरों के कैन्सर हॉस्पिटल के निर्माण का प्रस्ताव है. राज्य में सत्तान्तरण का अब इस प्रस्तावित हॉस्पिटल को पूरा होने में अब कोई गुंजाईश नहीं रहेगी.

    *एयरपोर्ट को मिलेगा मूर्तरूप 

    औद्योगिक रूप से समृद्ध चंद्रपुर जिले में एक कमर्शियल एयरपोर्ट हो ऐसी मांग बरसों से यहां के उद्योजकों एवंम व्यापारी वर्ग से की जा रही थी. इस मांग को मंजूर करते हुए तत्कालीन भाजप_ शिवसेना सरकार के कार्यकाल में जिले के राजुरा तहसील के ग्राम मूर्ति के पास की 840 एकड़ जमीन विमानतल हेतु अधिग्रहित की गई है. इस सरकार के कार्यकाल के बजट में इस विमानतल के लिए कुछ न कुछ निधि का प्रावधान किया जाता रहा है.  अब नई सरकार विमानतल निर्माण एवंम विमानों की उड़ान की दिशा में नई सरकार क्या कदम उठाती है इस पर इस प्रस्ताव का भविष्य निर्भर है.