नगर प्रशासन के खिलाफ नपं के सामने एक दिवसीय अनशन

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    • समस्याएं हल न होने पर विशाल आंदोलन

    सावली. सावली नगर पंचायत की स्थापना को छह वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन नगर प्रशासन शहर की समस्याओं के प्रति उदासीन है. शहर की समस्याओं के समाधान के लिए निवेदन और रैलियां की गईं. लेकिन आज तक जानबूझकर नजरअंदाज किया गया. इसके खिलाफ आज नगर पंचायत कार्यालय के सामने शहर वासियों ने नगर प्रशासन के खिलाफ एक दिवसीय सयांकेतिक अनशन किया. अधिकारियों ने अनशन स्थल को भेंट देकर समस्या का समाधान करने का वादा किया.

    सावली तहसील मुख्यालय को नगर पंचायत का दर्जा प्रापत है.पिछले पांच वर्षो के कार्यकाल में कांग्रेस की सत्ता थी. किंतु कांग्रेस ने विकास कार्यो की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. फिलहाल पिछले 3 से 4 महीने से नगर पंचायत पर प्रशासक है. इसके निषेधार्थ सावली नगर वासियों ने आज सांकेतिक अनशन कर विविध समस्याओं की ओर अधिकारियों का ध्यानाकर्षण किया.

    शहर में ग्रामीण जलापूर्ति और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण योजना कार्यानवित होने के बावजूद पिछले 2 वर्षो से शहर में जलसंकट निर्माण पैदा करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करें, शहर का पानी बहाकर ले जाने वाली नालियों की सफाई कर सप्ताह में दो बार कीटनाशक का छिडकाव करें, घरकुल का लाभ ले, प्रभाग कं. 17 में नई पाइप लाइन डालकर पेयजल की व्यवस्था करें, शौचालय का अटका अनुदान तत्काल लाभार्थियों को वितरित करें.

    आवारा कुत्तों का बंदोबस्त, साप्ताहिक बाजार में दुर्घटनाओं की संख्या बढी है इसलिए बाजार को नियोजित जगह पर स्थानांतरित करने की मांग के लिए आज सयावली वासियों ने नपं कार्यालय के सामने एक दिवसीय सांकेतिक अनशन किया. नपं प्रशासन के अधिकारी ने भेंट देकर समस्या हल करने का आश्वासन दिया.

    अनशन करने वालों में सतीश बोम्मावार, मुकद्दर मेश्राम, कृष्णा राऊत, रोशन बोरकर, प्रकाश खजांची, अशोक आकुलवार, आशिष कार्लेकर, अतुल लेनगुरे, सुधाकर गुंतीवार, दयाबाई गेडाम, उदय गडकरी, अजय तुमे, बाबा मेश्राम, लोकमत दुधे आदि कासमावेश है.