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    वरोरा. अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ से प्रभावित 37,307 किसानों को 79.23 करोड़ मुआवजा राशि में से 29 अक्टूबर तक 20,028 किसानों को 42.01 करोड़ का वितरण किया जा चुका है. कहा जाता है कि कुछ पटवारियों ने समय पर काम पूरा नहीं किया नतीजा अन्य प्रभावित किसानों को राशि नहीं मिल सकी. इस बीच तहसीलदार-पटवारी विवाद एसडीओ और अब जिलाधीश तक पहुंच गया है.

    तहसील में जुलाई अगस्त 2022 में अतिवृष्टि और बांधों का पानी छोडे जाने से किसानों के फसलों का भारी नुकसान हुआ. इसका सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की गई. रिपोर्ट के अनुसार 37,307 किसानों की 57511 हेकटेयर खेत की फसल का नुकसान हुआ. किसानों को नुकसान भरपाई के रुप में 79.23 करोड रुपए की प्रशासकीय मदद तहसील कार्यालय को मिली.

    सरकारी मदद वितरण के लिए तहसीलदार रोशन मकवाने ने संबंधित पटवारियों को सितंबर 2022 में बाधित किसानों से सातबारा, बैंक खाता क्रमांक, उनका आधार क्रमांक तथा संबंधित अन्य कागजाद जमा करने के निर्देश दिए. किसानों को जल्द से जल्द आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए तीन नायब तहसीलदार के नेतृत्व में तहसील कार्यालय के कर्मचारियों को शामिल कर तीन समितियों का गठन किया गया. हर समिति को दो दो मंडल दिए गए.

    पटवारियों को समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया. किंतु समय पर काम पूरा न होने पर तहसीलदार मकवाने ने 10 से 14 अक्टूबर के बीच तहसील के सभी पटवारियों को स्पेशल कैंप आयोजित करना गांव में मुनादी करा लाभार्थियों तक संदेश पहुंचाने के आदेश दिए. इसके चलते 10 अक्टूबर से पटवारी कार्यालय में कैंप शुरु हुए.

    यह काम उचित तरीके से शुरु है अथवा नहीं इसके लिए तहसीलदार रोशन मकवाने ने 11 अक्टूबर को नायब तहसीलदार उल्हास लोखंडे, मंडल अधिकारी एम.जी. कन्नाके, मंडल अधिकारी बरहाणपुरे के साथ सोईट, माढेली, उखर्डा, टेमुर्डा, खांबाउा पटवारी कार्यालय को भेंट दी. इस दौरान खांबाडा पटवारी कार्यालय शाम 4 बजे बंद पाया.पूछताछ की तो पटवारी कार्यालय खुला ही नहीं और कैंप आयोजित न किए जाने की जानकारी मिली.

    बिना किसी पूर्वसूचना अथवा अवकाश का आवेदन दिए पटवारी अनुपस्थित होने से तहसीलदार रोशन मकवाने ने ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर पटवारी कार्यालय को सील किया और वहां के पटवारी कार्यालय की जिम्मेदारी मंडल अधिकारी एम.जी. कन्नाके को सौंपी. इसके बाद संबंधित पटवारी राखी टिपले को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

    इस नोटिस का विवाद एसडीओ सुभाष शिंदे तक पहुंचा. एसडीओ ने तहसीलदार रोशन मकवाने को नोटिस जारी किया. तहसीलदार ने नोटिस का जवाब दिया. एसडीओ बिना किसी कारण नोटिस देने का आरोप करते हुए तहसीलदार ने जिलाधीश को भेजे पत्र में किया है. इस पत्र में यह भी कहा है कि तहसील कार्यालय के कर्मचारियों को तहसीलदार के खिलाफ खडा कर कार्यालयीन काम में बाधा निर्माण कर रहे है.

    पटवारियों ने तहसीलदार के खिलाफ शुरु किया आंदोलन

    इस बीच पटवारियों ने तहसीलदार रोशन मकवाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए कार्यालय के सामने आंदोलन शुरु किया है. इसकी वजह से तहसील में काम प्रभावित हो रहा है. इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों को इस ओर ध्यान देकर तत्काल समस्या का हल निकालने की मांग किसानों ने की है. क्योंकि आज भी 17,279 बाढ़ पीडित किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.