रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार इंजीनियर का पीसीआर बढ़ा, होगी संपत्ति की जांच

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    वरोरा. तहसील के महाराष्ट्र राज्य महावितरण कंपनी के असिस्टंट इंजीनियर श्रीणू चूक्का को रिश्वत प्रतिबंधक विभाग के दल ने सोमवार को गिरफ्तार किया था. मंगलवार को वरोरा न्यायालय ने एक दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया था. किंतु आज पुन: न्यायालय में पेश किए जाने पर एसीबी की शिल्पा भरडे ने कडाई से जांच के लिए और दो दिनों के लिए रिमांड की मांग की. इंजीनियर के पास कितनी संपत्ति है इसका अब तक पता न चलने की वजह से न्यायालय ने 2 दिनों का पीसीआर मंजूर कर लिया है.

    महावितरण में चैन सिस्टम वालों ने इंजीनियर के जमानत के लिए भरसक प्रयास कर रहे है. किंतु दो दिनों का पीसीआर मिलने से अब पुलिस कडाई से उनके एजंट से पूछताछ करने वाली है. महावितरण कार्यालय में भय का वातावरण फैला है अधिकारी वसूली करने के नाम पर टेबल पर नहीं बैठते है. ग्राहकों की समस्या दिन दिन बढती जा रही है, वरोरा महाविरतण कार्यलय में इन दिनों कार्य अस्त व्यस्त है.

    इसका कारण जानने का प्रयास किया गया तो बिजली बिल पर मंजूर भार बढाकर देने के लिए एक किलो वाट के पीछे एक हजार रुपए की मांग की जाती है. इसके बाद मीटर लगाने के लिए मनमानी पैसे वसूल किए जाते है. इसके बाद ही फाईल क्लियर होती है. यह सब चैन सिस्टम पर शुरु है. महाविरतण के इस सिस्टम से त्रस्त होकर फरियादी की शिकायत की थी. जिसके बाद एसीबी ने कार्रवाई की है. अब इंजीनियर से कडाई से पूछताछ होने पर पूरी संकल का पता चल सकता है.

    डिमांड भरने के बाद भी आज तक अनेक ग्राहकों को मीटर न मिलने से चिंता फैली है. किंतु आज तक विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कार्यालय की लेट लतीफी के खिलाफ आज नागरिकों ने कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान एक महिला ने बताया कि 15 दिनों में मीटर लगाने का आश्वासन दिया गया था. किंतु आज दो महीने से अधिक समय बीत गया है. किंतु मीटर नहीं लगाया है इसकी वजह से बरसात के दिनों में बच्चे को लेकर अंधेरे में रहना पड़ रहा है.