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    • पॉश मशीन हेडलिंग का जिम्मा किसका

    चंद्रपुर: जिले की राशन दुकानों से बीपीएल, अंत्योदय और प्राधान्य कुटूंब योजना के राशनकार्ड धारकों को प्रतिमाह राशन का वितरण किया जाता है. इन दुकानों से गेंहू, चावल, शक्कर, तुअरदाल, चनादाल आदि का वितरण किए जाने का प्रावधान है. राशन दुकानों से संबंधित लाभार्थियों को राशन वितरण में पारदर्शकता लाने के लिए सरकार ने राशनकार्ड धारकों के परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबरों का लिंक करने के साथ साथ पॉश मशीनों में परिवार के किसी एक सदस्य के पंजीयन के बाद ही राशन देने का प्रावधान किया है. परंतु पॉश मशीनों में आयी गडबडी के चलते राशनकार्ड धारकों को अब राशन दुकानों के चक्कर काटने पड रहे है. पिछले दो माह से यही स्थिति है. राशन उपलब्ध है, दुकानदार दुकानें शुरू रख रहे है परंतु मशीनें नहीं चल पा रही है.  

    उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर जिले में कुल 22 लाख से अधिक की आबादी में कुल  4लाख  58 हजार  850 राशनकार्ड धारक है. इनमें अंत्योदय के 1 लाख 37हजार  195, जिनमें सदस्य संख्या 5 लाख  6हजार  570 है.  प्राधान्य कुटूंब योजना के  2  लाख  64  हजार  461 कार्ड धारक है जिनमें सदस्य संख्या 10 लाख 44 हजार 377 है. और एपीएल के  62 हजार  500 राशनकार्ड धारक है. जिले की कुल  1534 दुकानों से इन राशनकार्ड धारकों को राशन वितरण होता है.

    पिछले 2 से 3 माह से राशन कार्ड धारकों को अनियमित रूप से राशन का वितरण हो रहा है. पहले वैश्विक मंदी, रूस और यूक्रेन के बीच युध्द के कारण पूरी दुनिया भर में आये गेंहू के उत्पादन का असर भारत में नजर आने से यहां गोदामों में अनाज नहीं आ रहा था. ऐसे में एक महीने का गैप होने के बाद पिछले दो माह का राशन तीसरे महीने मिल रहा था. अब वर्तमान में राशनदुकानदारों का कहना है कि अनाज तो समय पर मिल गया है परंतु वितरण में दिक्कतें पेश आ रही है. क्योकि वितरण के लिए इस्तेमाल की जानेवाली पॉश मशीनें ठीक ढंग से नहीं चल पा रही है. पिछले कई महीनों से महीने की एक तारीख से लेकर सात तारीख तक मशीन ठप पड जाती है. 

    हर राशन दुकानादार को राशन वितरण के लिए पॉश मशीन उपलब्ध करायी गई है जिसमें उसके क्षेत्र के राशन कार्डधारकों का पूरा डाटा उपलब्ध है. मशीन को संचालित करने का जिम्मा सरकार ने निजी आपेरटर कंपनी को दे रखा है. मशीनें ठीक ढंग से चल रही या नहीं इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है. 

    जून माह का अनाज अगस्त आने तक नहीं मिल पाया है. रोजाना संबंधित राशनकार्ड धारक राशन दुकानों पर आकर बारंबार अनाज कब मिलेगा की गुहार लगा रहे है. इनमें अधिकांश ऐसे परिवार है जिनकी आय काफी कम है और उनका दाना_पानी राशन के अनाज पर ही निर्भर है. कई ऐसे है जो अनाज पाने के लिए एक दिन की रोजी छोडकर राशन दुकानों में लाईन लगाकर खडे रहते है. ऐसे में सभी राशनकार्ड धारकों को कितनी आर्थिक परेशानी हो रही है इसका सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है. इस महंगाई के दौर में खुले में गेंहू और चावल खरीद पाना अत्यंत गरीब के लिए तो असंभव है मध्यमवर्गीय परिवार भी अनाज का इंतेजाम करने में असहज महसूस कर रहे है. गृहिणियों का घरेलू बजट बिगडता जा रहा है.

    गेंहू के वितरण में कमी

    पिछले दो माह से राशन दुकानों से मिलनेवाले नियमित और फ्री के राशन में गेंहू के वितरण में कटौती की नौबत आ गई है. अंत्योदय कार्ड धारकों को 15 किलो गेंहू और 20 किलो चावल मिलता है. इसमें गेंहू उपलब्ध ना होने से कटौती हो रही है. फ्री में मिलनेवाले अनाज में भी कटौती कर दी गई है. एपीएल राशनकार्ड धारक को प्रति सदस्य एक किलो गेंहू और चार किलो चावल प्रतिसदस्य दिया जारहा है.

    ऐन त्यौंहारों के समय अनाज का संकट

    पहले ही महंगाई की मार झेल रहे गरीब और मध्यम परिवार के लिए जीवनयापन करना कठिन हो गया है. ऐसे में ऐन त्यौंहारों के समय पॉश मशीन बंद पडी होने से अनाज मिल पाना कठिन हो गया है. मोहर्रम, रक्षाबंधन से लेकर आनेवाले समय में कई त्यौंहार है. सभी अनाज नहीं मिलने को लेकर परेशान है.