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File Photo : PTI

  • तीन ग्रामीणों को ताड़ोबा प्रबंधन ने किया गिरफ्तार

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चंद्रपुर. ताड़ोबा बफर जोन के मोहर्ली रेंज के सीतारामपेठ बीट में बाघिन और उसके दो शावकों समेत दो बंदरों की मौत का खुलासा हुआ है. इन सभी की मौत जहर के कारण हुई है. जहर देने के मामले में ताड़ोबा प्रबंधन ने तीन ग्रामीणों को हिरासत में लिए जाने से परिसर में खलबली मची हुई है. इस शिकार के मामले की वनविभाग ने भी गंभीर दखल ली है.

उल्लेखनीय है कि पट्टेदार बाघों के लिए विश्वविख्यात ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर झोन में कोंडेगांव-सीतारामपेठ के एक तालाब के पास 10 जून को एक बाघिन की सड़ी गली लाश मिली थी. इस घटना के बाद यहां सर्चिंग अभियान शुरू होने से चार दिन बाद मृत बाघिन के दो शावकों और दो बंदरों के शव मिलने से ताड़ोबा प्रबंधन हरकत में आ गया और उसने मामले की गंभीरता के मद्देनजर यहां जांच पड़ताल शुरू कर दी. पहले बाघिन फिर उसके दो शावक और बंदरों को मृत पाये जाने से ताड़ोबा प्रबंधन को पूरा संदेह हो गया कि यहां कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर हुई है.

बाघिन, शावकों और बंदरों के अवयव हैद्राबाद की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे. जहां से जहर की वजह से सभी की मौत की रिपोर्ट आने के बाद ताड़ोबा प्रबंधन में बफर जोन के उपवनसंरक्षक गुरूप्रसाद के नेतृत्व में एक टीम ने गांव में पहुंचकर कड़ाई से पूछताछ शुरू कर दी. इस मामले में आज कोंडेगांव के तीन लोगों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया है. ताड़ोबा प्रबंधन ने उम्मीद जतायी है कि शिकार का यह मामला एक दो दिन में पूरी तरह से सुलझ जाएगा. इस मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है. 

इस मामले में अधिक जानकारी के लिए गुरूप्रसाद से संपर्क किए जाने पर उन्होने संदेह के आधार पर तीन ग्रामीणों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है.