SBI मामले में पुलिस संदेह के घेरे में, जमानत याचिकाएं खारिज होने पर भी आरोपी गिरफ्त से बाहर

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    चंद्रपुर.  समूचे राज्य में चर्चित भारतीय स्टेट बैंक में यहां उजागर हुए करोड़ों के घोटाले में संलिप्त कई आरोपियों की जमानत याचिकाएं न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के सप्ताह बाद भी स्थानीय पुलिस उन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

    इस घोटाले से संबंधित कुल 59 लोगों के खिलाफ रामनगर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले दर्ज किए है, मामले दर्ज होते ही पुलिस ने प्रारंभ में एसबीआई के 3 अधिकारियों के अलावा 12 कर्ज धारकों को  मिलाकर कुल 21 आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अन्य आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने हेतु जिला सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत हेतु तांता लगा दिया था. आज भी न्यायालय में ऐसी डेढ़ दर्जन अग्रिम जमानत याचिकाएं सुनवाई की प्रतीक्षा में है.

    न्यायालय में इनमें से कुछ आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं ठुकरा दी है, इस बात को अब एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन पुलिस उक्त आरोपियों को दबोचने में सफल नहीं हो सकी है. 

    इस मामले में अब तक पुलिस ने एसबीआई के पंकजसिंह सोलंकी, विनोद लाटेलवार तथा देवीदास कुलकर्णी नामक अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था जो अब जमानत पर रिहा है, किंतु जिनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं न्यायालय द्वारा अब तक खारिज हो चुकी है, उनमें से किसी आरोपी तक पुलिस पहुंच नहीं सकी है.

    जिनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी है, और जो अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, उनमें इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार रमनबाबू व्यंकटी देगरमुडी, नरेंद्र जावलेकर, उज्ज्वल शेलके, गणेश झाड़े, जयेश गोयानी और धर्मेंद्र गायकवाड़ का समावेश है.

    यह भी उल्लेखनीय है कि, न्यायालय से अब इस मामले में किसी आरोपी को जमानत ना मिल सके इसलिए पुलिस ने न्यायालय में पहले ही कैवेट दाखिल किया हुआ है.